'देखो ओ दीवानों, राम का नाम बदनाम ना करो', शशि थरूर लंबे समय बाद कांग्रेस के साथ खड़े दिखे, मनरेगा पर सरकार को जमकर घेरा
Published on: 16 Dec 2025 | Author: Anuj
नई दिल्ली: लोकसभा में मनरेगा से जुड़ा एक नया विधेयक पेश किया गया है, जिसमें इस योजना का नाम बदलने का प्रस्ताव है. सरकार मनरेगा का नाम बदलकर 'विकसित भारत- जी राम जी' योजना रखने की तैयारी में है. इस मुद्दे पर संसद में जोरदार बहस देखने को मिली.
प्रियंका गांधी ने प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया. लंबे समय बाद कांग्रेस सांसद शशि थरूर भी अपनी पार्टी के पक्ष में बोलते नजर आए. उन्होंने कहा कि वे मनरेगा से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम हटाने के सख्त खिलाफ हैं. उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर पहले ही काफी चर्चा हो चुकी है, इसलिए वे विस्तार में नहीं जाएंगे.
कांग्रेस के पक्ष में खड़े हुए थरूर
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि वे ‘जी राम जी’ नाम वाले इस विधेयक का विरोध करते हैं. उनका कहना था कि महात्मा गांधी का राम राज्य का विचार किसी राजनीतिक एजेंडे से जुड़ा नहीं था, बल्कि वह समाज को बेहतर बनाने की सोच थी. गांधी जी चाहते थे कि गांव मजबूत बने और समाज में बराबरी हो. ऐसे में उनके नाम को इस योजना से हटाना गलत और नैतिक रूप से अनुचित है. उन्होंने एक पुरानी पंक्ति का भी जिक्र किया, जिसमें कहा गया है कि 'देखो ओ दिवानों ये काम ना करो, राम का नाम बदनाम ना करो'.
'योजना के लिए पैसा जुटाना मुश्किल होगा'
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने आगे कहा कि योजना के बजट का 40 प्रतिशत हिस्सा सीधे राज्य सरकारों पर डालना सही फैसला नहीं है. इससे उन राज्यों को परेशानी होगी, जिनकी आमदनी पहले से ही कम है. जो राज्य केंद्र की मदद पर निर्भर रहते हैं, उनके लिए इस योजना के लिए पैसा जुटाना मुश्किल हो जाएगा. उन्होंने जिस तरह से पार्टी के पक्ष में खुलकर अपनी बात रखी, वह काफी समय बाद देखने को मिला. इससे पहले वह कई मौकों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ कर चुके हैं और कांग्रेस की लगातार तीन बैठकों में भी शामिल नहीं हुए थे. ऐसे में उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलें लगाई जा रही थी.
शशि थरूर ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया
इससे पहले कांग्रेस नेता शशि थरूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर भी इस मुद्दे को लेकर अपनी राय रखी थी. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया था. उन्होंने कहा था कि ग्राम स्वराज और राम राज्य की अवधारणाएं कभी एक-दूसरे के विरोध में नहीं रहीं, बल्कि ये दोनों महात्मा गांधी के विचारों का अहम हिस्सा थी.
'विभाजन पैदा करना गलत है'
शशि थरूर ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि मनरेगा का नाम बदलकर उसमें से गांधीजी का नाम हटाना उस गहरे संबंध को नजरअंदाज करना है, जो ग्रामीण विकास और गांधीजी के विचारों के बीच रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि गांधीजी के जीवन के अंतिम क्षणों में भी 'राम' का नाम था, इसलिए उनके नाम को हटाकर किसी तरह का विभाजन पैदा करना गलत है.