'ऐसे लोग भारतीय पासपोर्ट की गरिमा घटाते हैं', डंकी रूट अवैध आव्रजन मामले आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

Published on: 16 Jun 2025 | Author: Sagar Bhardwaj
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को 'डंकी रूट' के जरिए अवैध आव्रजन और हरियाणा के एक व्यक्ति को अमेरिका ले जाने के नाम पर ठगी के आरोपी ओम प्रकाश की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी. जस्टिस उज्जल भुयान और जस्टिस मनमोहन की बेंच ने मौखिक रूप से टिप्पणी की, "ऐसे लोगों की वजह से भारतीय पासपोर्ट की गरिमा घटती है." कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा, "आप भोले-भाले गरीब लोगों को ठग रहे हैं."
जमानत याचिका खारिज
कोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा, "हमें इस अग्रिम जमानत याचिका पर विचार करने का कोई ठोस कारण नहीं मिला." वकील ने राहत की मांग की, लेकिन कोर्ट ने जवाब दिया, "ये बहुत गंभीर आरोप हैं." मामला हरियाणा के राजा नामक व्यक्ति की शिकायत पर दर्ज हुआ, जो विदेश में बसना चाहता था. मई 2024 में, आरोपी सुरिंदर ने राजा को वैध तरीके से अमेरिका भेजने का आश्वासन दिया और 43 लाख रुपये खर्च का अनुमान लगाया. राजा के परिवार ने 3 लाख रुपये अग्रिम दिए.
ठगी और अवैध आव्रजन का जाल
शिकायत के अनुसार, "आरोपी सुरिंदर ने 23.07.2024 को राजा को दुबई भेजा. फिर उसके आदमी के जरिए राजा को विभिन्न देशों, पनामा के जंगलों और मैक्सिको भेजा गया. 01.02.2025 को सुरिंदर के एजेंटों ने उसे अमेरिकी सीमा पार कराई. अमेरिकी पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल में डाला और 16.02.2025 को भारत डिपोर्ट कर दिया." इस बीच, सुरिंदर ने राजा के पिता से 22 लाख रुपये नकद लिए.
जांच और कानूनी कार्रवाई
शिकायत के बाद जांच शुरू हुई. ओम प्रकाश, एक कथित एजेंट, ने गिरफ्तारी के डर से पानीपत के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के समक्ष अग्रिम जमानत याचिका दायर की, जो 21 मार्च को खारिज हो गई. इसके बाद पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने 9 अप्रैल को उनकी याचिका खारिज करते हुए कहा, "याचिकाकर्ता के आपराधिक रिकॉर्ड हैं, क्योंकि वह इसी तरह के एक अन्य मामले में शामिल है. आरोपों से प्रथम दृष्टया धोखाधड़ी का अपराध बनता है. गहन जांच के लिए याचिकाकर्ता की हिरासत में पूछताछ आवश्यक है."