सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा को ED ने फिर भेजा समन, मंगलवार को होगी पूछताछ, संजय भंडारी से खंगालेगी कनेक्शन

Published on: 16 Jun 2025 | Author: Garima Singh
Money laundering case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भगोड़े हथियार डीलर संजय भंडारी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा को नया समन जारी किया है. वाड्रा को मंगलवार को जांच के लिए पेश होने को कहा गया है. इससे पहले, 10 जून को जारी समन के जवाब में वाड्रा ने दूसरी तारीख की मांग की थी. ईडी की जांच का केंद्र लंदन में दो संपत्तियों और भारत में कुछ जमीनों से जुड़ा है, जिसमें रॉबर्ट वाड्रा का नाम सामने आया है.
जांच एजेंसी ने दावा किया है कि लंदन के 12, ब्रायनस्टन स्क्वायर में स्थित एक संपत्ति, जिसे भंडारी ने 2009 में खरीदा था, वाड्रा से जुडी हुई है. ईडी के मुताबिक, इस संपत्ति का “पुनर्निर्माण” वाड्रा के निर्देश पर और उनके धन से किया गया. एजेंसी ने यह भी कहा कि वाड्रा इस संपत्ति में “तीन-चार बार” ठहरे हैं. दूसरी संपत्ति, जो जांच के दायरे में है, लंदन के 6, ग्रोसवेनर हिल कोर्ट, 13 बोर्डन स्ट्रीट पर स्थित है. ईडी ने दोनों संपत्तियों को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत “अपराध की आय” माना है, जिसमें भंडारी और दुबई के एक एनआरआई व्यवसायी सीसी थम्पी की भूमिका भी सामने आई है.
संजय भंडारी पर कई एजेंसियों की नजर
61 साल के संजय भंडारी पर ईडी, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), आयकर विभाग और दिल्ली पुलिस सहित कई एजेंसियां जांच कर रही हैं. उन पर मनी लॉन्ड्रिंग, विदेशी मुद्रा उल्लंघन और काले धन से संबंधित कानूनों के उल्लंघन का आरोप है. इसके अलावा, संवेदनशील रक्षा दस्तावेजों तक पहुंच के कारण उनकी आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत भी जांच चल रही है.
प्रत्यर्पण की कोशिशें और यूके कोर्ट का फैसला
केंद्र सरकार ने भंडारी के खिलाफ दो प्रत्यर्पण अनुरोध भेजे थे, जिन्हें जून 2020 में तत्कालीन यूके गृह सचिव प्रीति पटेल ने मंजूरी दी थी। इसके बाद, ब्रिटिश अधिकारियों ने 15 जुलाई, 2020 को भंडारी को गिरफ्तार किया था. हालांकि, इस साल फरवरी में यूके के उच्च न्यायालय ने उनके प्रत्यर्पण को खारिज कर दिया. कोर्ट ने तिहाड़ जेल में कैदियों या जेल अधिकारियों से हिंसा, यातना या जबरन वसूली के खतरे का हवाला देते हुए यह फैसला सुनाया.
सीसी थम्पी की भूमिका
जांच में एक अन्य महत्वपूर्ण नाम सीसी थम्पी का है, जो दुबई स्थित एक कंपनी को नियंत्रित करते थे. ईडी का दावा है कि थम्पी ने लंदन की संपत्तियों के अधिग्रहण में वाड्रा की मदद की थी. थम्पी को जनवरी 2020 में गिरफ्तार किया गया था.
वाड्रा का जवाब
रॉबर्ट वाड्रा ने इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए एक टेक्स्ट संदेश में कहा, “कोई टिप्पणी नहीं.”