'70,000 लोग, बिजली का झटका', जानिए गोवा के मंदिर में जानलेवा भगदड़ का कारण क्या था?

Published on: 03 May 2025 | Author: Mayank Tiwari
नार्थ गोवा के शिरगांव में स्थित लैराई देवी मंदिर में शनिवार (3 मई) की तड़के लैराई देवी जत्रा के दौरान भगदड़ मचने से 6 लोगों की मौत हो गई. जबकि, कई अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. जहां हजारों श्रद्धालु संकरी गलियों में जगह पाने के लिए संघर्ष कर रहे थे. वहीं, इस हादसे ने पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ा दी है. फिलहाल, गोवा सरकार ने इस घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, लैराई देवी मंदिर के अध्यक्ष और अधिवक्ता दीनानाथ गौणकर ने बताया कि हादसा तब शुरू हुआ जब एक श्रद्धालु की लकड़ी (बेंत) एक बल्ब से टकराई, जिससे उसे बिजली का झटका लगा और वह पास खड़े लोगों पर गिर गया. बताया जा रहा है कि इस हादसे में 6 लोगों की जान चली गई.
जानें भगदड़ का कारण क्या था?
न्यूज एजेंसी एएनआई के हवाले से दीनानाथ गौणकर ने कहा, "लगभग 50,000 से 70,000 धोंड (लैराई देवी के अनुयायी) जत्रा में मौजूद थे... भीड़ में लोग एक-दूसरे को धक्का देकर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे. इस दौरान हमने ग्रामीणों के साथ मिलकर उन्हें रोकने और स्थिति संभालने की कोशिश की, लेकिन लोग सुनने को तैयार नहीं थे. इसी दौरान कुछ लोग एक दुकान की ओर गए, जहां एक व्यक्ति की बेंत बल्ब से टकराई, उसे बिजली का झटका लगा और वह दूसरों पर गिर गया. यहीं से भगदड़ शुरू हुई."
पुलिस की प्रतिक्रिया में क्या चुनौतियां सामने आईं!
इस बीच नार्थ गोवा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अक्षत कौशल ने बताया कि घटना के सटीक कारण की जांच जारी है. उन्होंने कहा, "हम अभी भी यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि घटना का सही कारण क्या था. हालांकि, हमें बताया गया है कि कुछ लोगों द्वारा अफवाहें फैलाने के कारण भगदड़ हुई हो सकती है.
हमारी सबसे बड़ी चुनौती मंदिर में मौजूद 50,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकालना था. जत्रा के लिए लगभग 400 पुलिसकर्मी तैनात थे. इस अवसर पर ऐसा पहली बार हुआ है. बता दें कि, ये घटना शनिवार सुबह 4-5 बजे के बीच हुई. उस समय मंदिर में भारी भीड़ थी, और पुलिस के लिए स्थिति को नियंत्रित करना बेहद मुश्किल था.
सरकार का कदम और जांच
गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने घटनास्थल का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया. इस दौरान सरकार ने इस हादसे की विस्तृत जांच के लिए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके. यह हादसा धार्मिक आयोजनों में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाता है.