तुर्की-अजरबैजान को पाकिस्तान का सपोर्ट करना पड़ गया भारी, इंडियन ट्रैवल एजेंसियों ने भारत की तरफ से लिया बदला

Published on: 10 May 2025 | Author: Princy Sharma
India-Pakistan War: भारत और पाकिस्तान तनाव के बीच इंडिया में कई प्रमुख ट्रैवल कंपनियों ने तुर्की और अजरबैजान के लिए सभी ट्रैवल पैकेज सस्पेंड कर दिए हैं. ये देश पाकिस्तान का समर्थन कर रहे थे. यह कदम पाकिस्तान के खिलाफ भारत के ऑपरेशन 'सिंदूर' के बाद उठाया गया है, जिसमें पाकिस्तान और PoK में आतंकवादियों के ठिकानों पर हमला किया गया.
ईजमायट्रिप, कॉक्स एंड किंग्स और ट्रैवोमिंट जैसी कंपनियों ने तुर्की और अजरबैजान के लिए बुकिंग्स पर पूरी तरह से रोक लगा दी है. यह कदम भारत की राष्ट्रीय भावना को देखते हुए लिया गया है और सुरक्षा और कूटनीतिक रिश्तों को लेकर बढ़ती चिंताओं को भी दर्शाता है. यह एक बड़ा बदलाव है, जिसमें यात्रा कंपनियां अब अंतरराष्ट्रीय मामलों को लेकर अधिक सतर्क हो गई हैं और अपने फैसलों में देशहित को प्राथमिकता दे रही हैं.
कंपनियों के बयान
कॉक्स एंड किंग्स के डायरेक्टर करण अग्रवाल ने कहा, 'हाल की घटनाओं को देखते हुए, हमने अजरबैजान, उज्बेकिस्तान और तुर्की के लिए सभी नए ट्रैवल पैकेज सस्पेंड करने का निर्णय लिया है. यह कदम हमारे सिद्धांतों और देश की जनता की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है.' उन्होंने भारतीय पर्यटकों से इन देशों की यात्रा से बचने की सलाह भी दी, जब तक स्थिति साफ नहीं हो जाती.
ईजमायट्रिप के संस्थापक और चेयरमैन निशांत पिट्टी ने कहा, 'हाल की घटनाओं को लेकर चिंतित हैं. ईजमायट्रिप में यात्रियों की सुरक्षा हमारी सर्वोत्तम प्राथमिकता है. हम अपने सभी ग्राहकों से अपील करते हैं कि वे इन संवेदनशील क्षेत्रों में यात्रा करने से पहले सभी आधिकारिक यात्रा सलाह को ध्यान से पढ़ें.'
तुर्की और अजरबैजान का रुख
भारत की इस प्रतिक्रिया के पीछे तुर्की और अजरबैजान का पाकिस्तान के प्रति समर्थन था. दोनों देशों ने भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' की कड़ी निंदा की थी. अजरबैजान ने भारत के सैन्य हमले को लेकर चिंता जताई और नागरिकों के हताहत होने की बात की. वहीं, तुर्की ने इसे उकसावे वाला कदम बताया और भारत को युद्ध के खतरे के बारे में चेतावनी दी थी.
इसके अलावा, भारत को यह जानकारी भी मिली कि पाकिस्तान ने तुर्की निर्मित असिसगार्ड सोंगर ड्रोन का इस्तेमाल किया था, जिससे दोनों देशों के बीच और तनाव बढ़ गया. इस कदम ने भारतीय ट्रैवल इंडस्ट्री में एक नई बहस शुरू कर दी है, जिसमें कंपनियां अब अपने विदेशी व्यापारिक रिश्तों को लेकर अधिक सतर्क हो गई हैं.