Indian Space Programme: भारत-पाक तनाव में ISRO बना रक्षा कवच, 10 सैटेलाइट संभाल रहे निगरानी; हर हरकत पर पैनी नजर

Published on: 12 May 2025 | Author: Ritu Sharma
Indian Space Programme: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष वी. नारायणन ने एक अहम जानकारी साझा की है. उन्होंने बताया कि देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इसरो के 10 उपग्रह लगातार 24 घंटे काम कर रहे हैं. ये उपग्रह भारत की निगरानी और रक्षा प्रणाली को मजबूती देने में अहम भूमिका निभा रहे हैं.
नागरिकों की सुरक्षा के लिए चौबीसों घंटे निगरानी
बता दें कि अगरतला स्थित केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (सीएयू) के पांचवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए नारायणन ने कहा, ''अगर हम अपने देश की सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहते हैं, तो हमें अपने उपग्रहों के माध्यम से सेवा करनी होगी.'' उन्होंने कहा कि 7,000 किलोमीटर लंबे समुद्री तटीय क्षेत्रों की निगरानी के लिए सैटेलाइट और ड्रोन टेक्नोलॉजी जरूरी है.
भारत के पास मजबूत सैटेलाइट नेटवर्क
वहीं, अब तक इसरो ने 127 भारतीय उपग्रह लॉन्च किए हैं. इनमें कई निजी कंपनियों और शैक्षणिक संस्थानों के उपग्रह भी शामिल हैं. इनमें से 22 उपग्रह लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में हैं जबकि 29 भू-समकालिक पृथ्वी कक्षा (Geostationary Orbit) में हैं. इनका स्वामित्व केंद्र सरकार के पास है और ये उपग्रह देश की सामरिक क्षमताओं को मजबूत करते हैं.
जासूसी उपग्रहों की अहम भूमिका
बताते चले कि भारत के पास करीब एक दर्जन निगरानी या जासूसी उपग्रह हैं, जिनमें कार्टोसैट, रीसैट, ईएमआईसैट और माइक्रोसैट सीरीज शामिल हैं. इनका मुख्य उद्देश्य संवेदनशील इलाकों पर बारीकी से नजर रखना और देश को खतरों से पहले ही आगाह करना है. ये सैटेलाइट्स सेना, खुफिया एजेंसियों और आपदा प्रबंधन में भी बेहद उपयोगी साबित हो रहे हैं.
हाल ही में भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन एवं प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) के अध्यक्ष पवन कुमार गोयनका ने जानकारी दी थी कि आने वाले पांच वर्षों में भारत 52 नए उपग्रह अंतरिक्ष में तैनात करेगा. इसका उद्देश्य देश की अंतरिक्ष आधारित निगरानी क्षमताओं को और अधिक सशक्त बनाना है.