चीन में महिलाओं का नया ट्रेंड! ₹600 देकर मसल्स वाले अजनबी से लेती हैं 5 मिनट की प्यारभरी झप्पी, वजह जानकर चौंक जाएंगे!

Published on: 08 Jun 2025 | Author: Anvi Shukla
China Five Minute Hug: चीन में इन दिनों एक अनोखा ट्रेंड सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है, जहां युवा महिलाएं मसल्स वाले पुरुषों से ₹600 तक चुकाकर 5 मिनट की ‘झप्पी’ खरीद रही हैं. इन पुरुषों को अब प्यार से 'मैन मम्स' कहा जा रहा है. ये न केवल शारीरिक रूप से मजबूत होते हैं, बल्कि उनके अंदर कोमलता और धैर्य जैसी ‘मां जैसी’ भावनात्मक खूबियाँ भी होती हैं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओवरटाइम से थकी महिलाएं, भावनात्मक रूप से परेशान छात्राएं और अकेलेपन से जूझ रही युवतियां इन गले लगाने वाले ‘मैन मम्स’ की मदद से राहत महसूस कर रही हैं. एक युवती ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'मुझे माध्यमिक स्कूल में एक बार गले लगाया गया था और मैं तब बेहद सुरक्षित महसूस कर रही थी. अब हम सिर्फ पांच मिनट के लिए अंडरग्राउंड स्टेशन पर गले मिलते हैं.' इस पोस्ट के वायरल होने के बाद कई महिलाओं ने ‘मैन मम्स’ की तलाश शुरू कर दी, जिनमें से अधिकतर ने खास तौर पर अपने हग पार्टनर के लिए गुणों की सूची साझा की – जैसे विनम्रता, शरीर की बनावट, धैर्य और साफ-सुथरा रूप.
सार्वजनिक स्थानों पर होते हैं ये हग सेशन
ये झप्पियां आमतौर पर सार्वजनिक स्थानों पर दी जाती हैं और इनकी कीमत \$3 से \$7 (₹250 से ₹600) तक होती है. कुछ महिलाएं लंबी और एथलेटिक महिलाओं से भी इसी तरह की झप्पी की मांग करती हैं. एक महिला ने बताया कि वह तीन घंटे ओवरटाइम करने के बाद इतनी थक चुकी थी कि बस किसी को गले लगाना चाहती थी. तीन मिनट के हग से वह अपने बॉस की शिकायत भी साझा कर सकी. वहीं एक और महिला ने डाइट टूटने के बाद उदासी में एक यूनिवर्सिटी छात्र से झप्पी ली, और कहा, 'हग से ज्यादा मुझे उसके गर्मजोशी वाले व्यवहार ने सुकून दिया.'
हग देने वालों के लिए भी ये भावनात्मक अनुभव
कुछ 'मैन मम्स' ने इसे आत्म-संतोष देने वाला अनुभव बताया. एक युवक ने बताया कि उसने अब तक 34 झप्पियां दी हैं और \$240 (लगभग ₹20,000) कमा चुका है. उसने कहा, 'मैं हग देने से पहले मेकअप और परफ्यूम लगाता हूं, ताकि क्लाइंट को सबसे अच्छा अनुभव मिल सके.'
चर्चा और चिंता दोनों का विषय
जहां एक ओर इस ट्रेंड को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है, वहीं कुछ लोगों का मानना है कि यह चलन यौन उत्पीड़न जैसे अपराधों को छिपाने का ज़रिया भी बन सकता है. ऐसे में इस ट्रेंड की निगरानी और सुरक्षा को लेकर सवाल उठना लाजमी है.