शिमला के लिंडी धार में भारी लैंडस्लाइड, मॉनसूनी कहर से हिमाचल में अब तक 51 लोगों की मौत

Published on: 03 Jul 2025 | Author: Sagar Bhardwaj
गुरुवार को शिमला जिले के लिंडी धार गांव में भारी मॉनसून बारिश के बीच भूस्खलन हुआ, जिसने हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक आपदाओं की श्रृंखला को और बढ़ा दिया. सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में बड़े-बड़े मिट्टी के टुकड़े खिसकते हुए दिखाई दे रहे हैं. हिमाचल प्रदेश इस समय मॉनसून की तीव्र गतिविधियों से जूझ रहा है, जिसने 20 जून से अब तक कम से कम 51 लोगों की जान ले ली है.
मॉनसून का विनाशकारी प्रभाव
हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एचपीडीएमए) के अनुसार, इनमें से 30 मौतें बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने की घटनाओं से हुईं, जबकि 21 सड़क दुर्घटनाओं के कारण हुईं. मंडी जिले में बादल फटने और अचानक बाढ़ से मरने वालों की संख्या 13 हो गई है, जबकि 29 लोग अभी भी लापता हैं. मंगलवार को मंडी में 10 बादल फटने, तीन अचानक बाढ़ और एक भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गईं, जिनसे घरों, सड़कों और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा. 150 से अधिक घर, 14 पुल और 162 मवेशी प्रभावित हुए हैं.
VIDEO | Himachal Pradesh: Landslide hits Lindi Dhar village in Shimla district.
— Press Trust of India (@PTI_News) July 3, 2025
(Full video available on PTI Videos - https://t.co/n147TvrpG7)#HimachalPradesh pic.twitter.com/D7xII2xYYH
राहत व बचाव कार्य जारी
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), पुलिस और होम गार्ड की टीमें बचाव और राहत कार्यों में जुटी हैं. राज्य राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के विशेष सचिव डीसी राणा ने कहा, “वर्तमान में हमारी प्राथमिकता बचाव और राहत कार्य है, न कि नुकसान का आकलन. प्रारंभिक विभागीय आंकड़ों के अनुसार, विभिन्न क्षेत्रों में लगभग 300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.”
सीएम ने किया प्रभावित क्षेत्रों का दौरा
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखु और विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया. सुखु ने विस्थापित निवासियों को जमीन आवंटित करने का आश्वासन दिया, भले ही इसके लिए केंद्र सरकार से वन भूमि की मंजूरी लेनी पड़े. ठाकुर ने चेतावनी दी कि लापता लोगों की संख्या बढ़ सकती है और सुझाव दिया कि दुर्गम क्षेत्रों में हवाई मार्ग से खाद्य आपूर्ति की जाए. राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, राज्य में 261 सड़कें बंद हैं, जिनमें 186 मंडी जिले में हैं. मेट्रोलॉजिकल विभाग ने 5 से 9 जुलाई तक भारी से बहुत भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.