'भारत को निशाना बनाकर...', मेक्सिको ने फोड़ा टैरिफ बम तो सरकार ने जताई कड़ी आपत्ति
Published on: 13 Dec 2025 | Author: Anuj
नई दिल्ली: अमेरिका के बाद अब मेक्सिको ने भारतीय सामान पर भारी टैरिफ लगाने का फैसला लिया था. मेक्सिको की सीनेट ने भारत, चीन और कई अन्य एशियाई देशों से आने वाले उत्पादों पर अधिकतम 50% तक आयात शुल्क बढ़ाने की मंजूरी दी थी. मेक्सिको सरकार के इस फैसले को लेकर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है.
मेक्सिको ने लगाया 50 फीसदी टैरिफ
मेक्सिको ने उन देशों से आने वाले सामान पर आयात शुल्क बढ़ाने का फैसला किया है, जिनके साथ उसका कोई फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) नहीं है. भारत भी ऐसे ही देशों में शामिल है. नए नियमों के तहत कुछ वस्तुओं पर आयात शुल्क 50 प्रतिशत तक बढ़ सकता है, जबकि अधिकतर उत्पादों पर करीब 35 प्रतिशत टैक्स लगाए जाने की संभावना है.
भारत ने कड़ी आपत्ति जताई
इस मामले पर भारत सरकार का कहना है कि मेक्सिको ने यह फैसला लेने से पहले किसी तरह की बातचीत या सलाह-मशविरा नहीं किया है. बिना साझेदार देशों से चर्चा किए इस तरह का कदम उठाना अंतरराष्ट्रीय व्यापार नियमों और आपसी आर्थिक रिश्तों की भावना के खिलाफ है.
'आयात शुल्क बढ़ाना सही तरीका नहीं'
सूत्रों के अनुसार, भारत यह समझता है कि यह फैसला सीधे तौर पर भारत को निशाना बनाकर नहीं लिया गया है. फिर भी एमएफएन (मोस्ट फेवर्ड नेशन) नियमों के तहत बिना चर्चा के आयात शुल्क बढ़ाना सही तरीका नहीं माना जा सकता है. भारत का कहना है कि व्यापार से जुड़े किसी भी बड़े फैसले में संबंधित देशों से बातचीत जरूरी होती है.
किन देशों पर पड़ेगा असर
रिपोर्ट के मुताबिक, मेक्सिको ने हाल के वर्षों में अपने स्थानीयउत्पादों को बचाने के लिए जितने कदम उठाए हैं, उनमें यह निर्णय सबसे बड़ा माना जा रहा है. यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है, जब USMCA (United States-Mexico-Canada Agreement) की बड़ी समीक्षा होने वाली है. इस टैरिफ का असर उन देशों पर पड़ेगा, जिनके साथ मेक्सिको का कोई व्यापारिक समझौता नहीं है. इनमें भारत, चीन, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया और थाईलैंड जैसे कई बड़े एशियाई देश शामिल हैं.
राजकोषीय घाटा कम करने में मदद मिलेगी
नए नियमों के अनुसार, 2026 से कुछ विशेष उत्पादों पर 50% तक का भारी शुल्क लगाया जाएगा. इनमें ऑटोमोबाइल, ऑटो पार्ट्स, टेक्सटाइल, रेडीमेड कपड़े, प्लास्टिक से बने उत्पाद और स्टील शामिल हैं. अन्य कई उत्पादों पर यह टैरिफ 35% तक रहेगा. मेक्सिको सरकार को उम्मीद है कि टैरिफ बढ़ाने से अगले साल से लगभग 3.76 बिलियन डॉलर की अतिरिक्त आमदनी होगी, जिससे देश का राजकोषीय घाटा कम करने में मदद मिलेगी.
भारत ट्रेड सरप्लस की स्थिति में
भारत और मेक्सिको के बीच व्यापार पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है. भारत से मेक्सिको को हाने वाले निर्यात में बढ़ोतरी देखने को मिली है. आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 में 4.25 अरब डॉलर था, जो 2024 में बढ़कर 8.98 अरब डॉलर हो गया. सिर्फ 2023 में ही भारतीय निर्यात में लगभग 6.5% की वृद्धि दर्ज की गई. यह बताता है कि मेक्सिको में भारतीय उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है. इसके मुकाबले मेक्सिको से भारत का आयात 2024 में घटकर 2.74 अरब डॉलर रह गया. इसका मतलब है कि भारत मेक्सिको के साथ ट्रेड सरप्लस की स्थिति में है.