'महात्मा मेरे परिवार से नहीं थे, लेकिन...', प्रियंका ने मनरेगा की जगह लाए जा रहे 'G Ram G' बिल के विरोध प्रदर्शन का किया नेतृत्व
Published on: 16 Dec 2025 | Author: Kuldeep Sharma
नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा की जगह नया G Ram G बिल लाए जाने पर सियासत गरमा गई है. कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने संसद परिसर में महात्मा गांधी की तस्वीर हाथ में लेकर इस विधेयक का कड़ा विरोध किया.
उनका कहना है कि यह कानून ग्रामीण गरीबों के रोजगार अधिकार को कमजोर करता है और इसे बिना व्यापक चर्चा के लाना लोकतांत्रिक परंपराओं के खिलाफ है.
मनरेगा के समर्थन में प्रियंका गांधी का विरोध
लोकसभा में प्रियंका गांधी ने नियम 72(1) के तहत G Ram G बिल का विरोध दर्ज कराया. उन्होंने कहा कि मनरेगा पिछले 20 वर्षों से ग्रामीण भारत को रोजगार और आर्थिक मजबूती दे रहा है. यह कानून गरीबों को साल में 100 दिन का सुनिश्चित रोजगार देता है और इसकी सफलता पर कभी सवाल नहीं उठे.
फंडिंग और ग्रामसभा की भूमिका पर सवाल
प्रियंका गांधी ने कहा कि मनरेगा की सबसे बड़ी ताकत इसकी मांग आधारित व्यवस्था है, जिसमें काम की जरूरत गांव तय करते हैं. नए बिल में फंडिंग पहले से तय होगी, जिससे जमीनी जरूरतें नजरअंदाज होंगी. उन्होंने आरोप लगाया कि ग्रामसभाओं की ताकत भी इस बिल में कम की जा रही है.
राज्यों पर बढ़ेगा आर्थिक दबाव
कांग्रेस नेता ने केंद्र सरकार पर राज्यों के साथ अन्याय का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अधिकतर राज्यों के लिए केंद्र का योगदान घटाकर 60 प्रतिशत कर दिया गया है. पहले से जीएसटी बकाया झेल रहे राज्यों पर इससे अतिरिक्त बोझ पड़ेगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी.
नाम बदलने की राजनीति पर तंज
प्रियंका गांधी ने योजनाओं के नाम बदलने की प्रवृत्ति पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि हर बार नाम बदलने में सरकारी पैसा खर्च होता है. जब सत्ता पक्ष की ओर से 'परिवार' वाली टिप्पणी आई, तो उन्होंने जवाब दिया, 'महात्मा गांधी मेरे परिवार से नहीं, लेकिन पूरे देश के परिवार हैं.'
सरकार और विपक्ष आमने-सामने
सरकार का कहना है कि G Ram G बिल 'विकसित भारत 2047' के लक्ष्य से जुड़ा है. वहीं कांग्रेस नेता शशि थरूर ने महात्मा गांधी का नाम हटाने को अनैतिक बताया. भाजपा नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस को भगवान राम के नाम से आपत्ति है.