15 दिन पहले खोली थी दुकान, आतंकी हमले वाले दिन थी बंद, पहलगाम का वो शख्स जिस पर है NIA की नजर

Published on: 03 May 2025 | Author: Gyanendra Tiwari
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक खौफनाक आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया. इस हमले के बाद अब जांच एजेंसियां हर संदिग्ध पर नजर रख रही हैं. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की नजर अब एक ऐसे शख्स पर है, जिसने हमले से महज 15 दिन पहले अपनी दुकान शुरू की थी और जिस दिन हमला हुआ, उस दिन उसकी दुकान बंद रही.
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई. इस घटना की जांच के लिए NIA ने कमान संभाली और अब तक करीब 100 स्थानीय लोगों से पूछताछ कर चुकी है. जांच के दौरान एजेंसी को उस शख्स के बारे में जानकारी मिली, जिसने हमले वाले दिन अपनी दुकान नहीं खोली. सूत्रों के मुताबिक, NIA और अन्य केंद्रीय एजेंसियां अब इस व्यक्ति से गहन पूछताछ कर रही हैं.
दुकानदार पर क्यों है शक?
जांच एजेंसियों को इस दुकानदार की गतिविधियां संदिग्ध लग रही हैं. उसने हमले से ठीक 15 दिन पहले अपनी दुकान शुरू की थी, लेकिन घटना वाले दिन दुकान बंद रखी. अब NIA इस शख्स के इंटरनेट प्रोटोकॉल डिटेल रिकॉर्ड (IPDR) की जांच कर रही है, ताकि कोई सुराग मिल सके. इसके अलावा, जांचकर्ता यह भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या इस व्यक्ति का आतंकियों से कोई संबंध था.
स्थानीय लोगों से पूछताछ
NIA ने हमले के समय घटनास्थल पर मौजूद सभी लोगों की सूची तैयार की है. इनमें दुकानदार, घुड़सवार, फोटोग्राफर और साहसिक खेलों से जुड़े लोग शामिल हैं. सूत्रों का कहना है कि कुछ लोगों ने बताया कि आतंकियों ने उनके लहजे या धर्म के आधार पर उन्हें छोड़ दिया था. NIA इन सभी बयानों की गहराई से जांच कर रही है, ताकि हमले के पीछे की साजिश का खुलासा हो सके.
इस जांच के दौरान NIA ने एक अन्य व्यक्ति से भी पूछताछ की, जो हमले के समय बनाए गए एक वीडियो में “अल्लाहु अकबर” चिल्लाते हुए दिखाई दिया था. वह एक ज़िपलाइन ऑपरेटर था. पूछताछ में पता चला कि वह डर के मारे ऐसा कर रहा था और घटना के बाद तुरंत वहां से चला गया. उसने पुलिस को भी सूचना नहीं दी और बाद में अपने दोस्त को फोन किया. NIA ने उसे क्लीन चिट दे दी.
क्या है इस हमले का मकसद?
पहलगाम हमले की जांच अब एक बड़े षड्यंत्र की ओर इशारा कर रही है. NIA को शक है कि यह हमला सीमा पार से रची गई साजिश का हिस्सा हो सकता है. जांचकर्ता यह भी देख रहे हैं कि क्या इस हमले का संबंध पिछले साल अगस्त में कुलगाम में तीन सैनिकों की हत्या या मई में जम्मू के पुंछ में वायुसेना के एक जवान की मौत से है. NIA पुराने मामलों की भी छानबीन कर रही है, ताकि आतंकियों के खिलाफ ठोस सबूत जुटाए जा सकें.