बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किए गए नितिन नबीन, जेपी नड्डा की लेंगे जगह
Published on: 14 Dec 2025 | Author: Kuldeep Sharma
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी ने रविवार को संगठनात्मक स्तर पर एक अहम फैसला लेते हुए बिहार सरकार में मंत्री नितिन नबीनको पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है. यह नियुक्ति तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है.
पार्टी नेतृत्व में यह बदलाव ऐसे समय हुआ है, जब लंबे समय से राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे जेपी नड्डा का कार्यकाल पूरा हो चुका है. नितिन नबीनकी नियुक्ति को भाजपा के संगठन को नई दिशा देने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है.
संसदीय बोर्ड का फैसला
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह की ओर से जारी आधिकारिक आदेश में बताया गया कि नितिन नबीनकी नियुक्ति को पार्टी के संसदीय बोर्ड की मंजूरी प्राप्त है. आदेश में स्पष्ट किया गया कि बिहार सरकार में मंत्री रहे नितिन नबीनको अब पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इस फैसले के साथ ही संगठन में नेतृत्व परिवर्तन की प्रक्रिया को औपचारिक रूप दे दिया गया है.
जेपी नड्डा के कार्यकाल का समापन
भाजपा के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को जनवरी 2020 में यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी. अपने मूल कार्यकाल के बाद उन्हें कई बार विस्तार दिया गया. उन्होंने पार्टी को 2024 के लोकसभा चुनाव सहित कई अहम राजनीतिक दौरों से सफलतापूर्वक निकाला. अब उनके कार्यकाल के बाद संगठन को नए नेतृत्व के तहत आगे बढ़ाने की तैयारी की जा रही है.
बिहार सरकार में अहम भूमिका
नितिन नबीनइस समय नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली बिहार सरकार में मंत्री हैं. उनके पास सड़क निर्माण विभाग की जिम्मेदारी है. मंत्री रहते हुए उन्होंने कई बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर काम किया है. संगठन और सरकार दोनों स्तरों पर अनुभव होने के कारण पार्टी नेतृत्व ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर की बड़ी जिम्मेदारी सौंपने का निर्णय लिया है.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
नितिन नबीनका राजनीतिक सफर पारिवारिक विरासत से जुड़ा है. वे दिवंगत नबीनकिशोर प्रसाद सिन्हा के पुत्र हैं, जो भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक रहे. पिता के निधन के बाद नितिन नबीनने सक्रिय राजनीति में कदम रखा और जल्द ही पार्टी में अपनी मजबूत पहचान बनाई.
बैंकिपुर से मजबूत जनाधार
नितिन नबीनपटना की बैंकिपुर विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं. वे 2006 के उपचुनाव में पहली बार विधायक बने थे. इसके बाद 2010, 2015, 2020 और 2025 के विधानसभा चुनावों में लगातार जीत दर्ज की. हालिया चुनाव में उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को 51 हजार से अधिक मतों से हराकर अपनी मजबूत राजनीतिक पकड़ साबित की.