पुलवामा हमले पर पाकिस्तान का कबूलनामा, एयरफोर्स अफसर ने उजागर की हकीकत

Published on: 11 May 2025 | Author: Gyanendra Sharma
14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुआ आतंकी हमला भारत के इतिहास में एक काला अध्याय है. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. वर्षों तक पाकिस्तान ने इस हमले में अपनी किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया. लेकिन अब, छह साल बाद, पाकिस्तान की वायुसेना के एक शीर्ष अधिकारी ने इस हमले में अपने देश की भूमिका को न केवल स्वीकार किया, बल्कि इसे 'सैन्य चालाकी' की मिसाल भी बताया. यह बयान न सिर्फ पुलवामा हमले को लेकर पाकिस्तान की पुरानी कहानी को खारिज करता है, बल्कि हालिया पहलगाम हमले में भी उसकी संदिग्ध भूमिका पर सवाल उठाता है.
पाकिस्तान वायुसेना के एयर वाइस मार्शल और DGPR औरंगजेब अहमद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और उसमें पुलवामा हमले को 'टैक्टिकल ब्रिलियंस' बताया है. इस बयान ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर तीखी प्रतिक्रियाओं को जन्म दिया है. औरंगजेब के इस दावे ने पाकिस्तान की उस वर्षों पुरानी नीति को उजागर कर दिया है, जिसमें वह आतंकवादी गतिविधियों में अपनी संलिप्तता को छिपाता रहा है. उनके इस बयान ने न केवल भारत के साथ तनाव को और बढ़ा दिया है, बल्कि वैश्विक समुदाय के सामने पाकिस्तान की दोहरी नीतियों को भी उजागर किया है.
If you missed it....Pakistan just confessed!
— Nabila Jamal (@nabilajamal_) May 10, 2025
"Pulwama was tactical brilliance. Now we've shown operational progress"
That's Pakistan Army admitting Pulwama wasn't the doing of faceless terrorists. It was state-backed
Every time they glorify terror as a 'tactical op', they… pic.twitter.com/yknxWF9ole
जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर हवाई हमला
पुलवामा हमला जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठन की करतूत था, जिसे भारत ने हमेशा से पाकिस्तान समर्थित बताया. इस हमले के बाद भारत ने 26 फरवरी 2019 को बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकानों पर हवाई हमला किया. इस कार्रवाई में भारतीय वायुसेना ने आतंकी संगठनों को भारी नुकसान पहुंचाया.
पाकिस्तान ने पुलवामा हमले में शामिल होने से लगातार इनकार किया है, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के आत्मघाती हमलावर ने 40 सीआरपीएफ जवानों को मार डाला था. पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस हमले को "गंभीर चिंता का विषय" बताया, लेकिन हमले में अपनी सेना की भूमिका से इनकार किया.
जैश-ए-मोहम्मद द्वारा हमले की जिम्मेदारी लेने के बावजूद पाकिस्तान ने सबूत मांगे और भारत के आरोपों को नकार दिया. भारत द्वारा हमलावर आदिल अहमद डार को जैश-ए-मोहम्मद से जोड़ने वाले डोजियर के बावजूद पाकिस्तान का इनकार जारी रहा, जिसका मुख्यालय बवाहलपुर में सुभान अल्लाह कैंप है, जिसे ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय हमलों में मलबे में बदल दिया गया था .