'पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाने में कामयाब हो गया', उमर अब्दुल्ला का बड़ा बयान

Published on: 11 May 2025 | Author: Sagar Bhardwaj
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पहलगाम हमले ने वर्षों की आर्थिक और कूटनीतिक मेहनत को बर्बाद कर दिया है. इस हमले ने राज्य के पर्यटन उद्योग, जो लंबे समय बाद पटरी पर लौटा था, को झटका दिया और पाकिस्तान को कश्मीर मुद्दे को फिर से अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाने का मौका दे दिया.
कश्मीर में बदली स्थिति
उमर अब्दुल्ला ने एनडीटीवी को दिए विशेष साक्षात्कार में कहा, "हम उस जगह पर हैं जहां हमने होने की कल्पना नहीं की थी. खूनखराबा, पीड़ा, अशांति और उथल-पुथल... सब कुछ बदल गया. फिर भी कुछ मायनों में कुछ नहीं बदला." उन्होंने बताया कि इस समय घाटी में पर्यटकों की भीड़, स्कूलों में बच्चों की चहल-पहल और हवाई अड्डों पर 50-60 उड़ानें होनी चाहिए थीं. लेकिन अब घाटी खाली है, स्कूल बंद हैं, हवाई अड्डा और हवाई क्षेत्र बंद हैं.
पाकिस्तान की साजिश
उन्होंने कहा, "जब मैं कहता हूं कि कुछ नहीं बदला, तो इसका मतलब है कि पाकिस्तान ने दुर्भाग्यवश फिर से जम्मू-कश्मीर के सवाल को अंतरराष्ट्रीय मंच पर ला खड़ा किया." उन्होंने अमेरिका का जिक्र करते हुए कहा, "अमेरिका मध्यस्थ की भूमिका में उत्सुक दिख रहा है." उन्होंने यह भी बताया, "पिछले कुछ दिनों तक संघर्ष विराम बरकरार था, लेकिन आज वह चरमरा गया है. हम इंतजार कर रहे हैं कि आज रात क्या होता है."
पहलगाम हमले का दर्द
उमर ने कहा, "तीन हफ्ते पहले यह जगह पर्यटकों से गुलजार थी. फिर वह भयानक नरसंहार हुआ." 22 अप्रैल को बाइसारन घास के मैदान में आतंकियों ने धार्मिक पहचान के आधार पर 26 लोगों को गोली मार दी, जिनमें 25 पर्यटक और एक स्थानीय पशुचालक था, जो पर्यटकों को बचाने की कोशिश कर रहा था.
भारत की जवाबी कार्रवाई
इसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों पर हमले किए गए. अगले दिन पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल हमले किए, लेकिन चार दिन बाद भारत के हवाई ठिकानों और सैन्य ढांचे पर हमलों के बाद इस्लामाबाद को झुकना पड़ा.