नम आंखों से BSF कांस्टेबल दीपक चिंगाखम को दी गई अंतिम विदाई, पाकिस्तानी ड्रोन हमले में हुए थे शहीद

Published on: 13 May 2025 | Author: Garima Singh
BSF Constable Deepak Chingakham: जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी ड्रोन हमले में शहीद हुए BSF के कांस्टेबल दीपक चिंगाखम को 13 मई 2025 को इंफाल के बीर टिकेंद्रजीत अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई. शनिवार को गंभीर रूप से घायल होने के बाद रविवार को उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके पार्थिव शरीर को मणिपुर के इंफाल पूर्व में याइरीपोक याम्बेम माथक लेईकाई में उनके जन्मस्थान पर अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया.
कांस्टेबल चिंगाखम का पार्थिव शरीर दोपहर 1:45 बजे इंफाल हवाई अड्डे पर पहुंचा, जहां एक समारोह में पुष्पांजलि अर्पित की गई. इस अवसर पर राज्यपाल अजय कुमार भल्ला, पूर्व विदेश राज्य मंत्री आर.के. रंजन, लोकसभा सांसद अंगोमचा बिमोल अकोईजम, पुलिस महानिदेशक राजीव सिंह, राज्य भाजपा अध्यक्ष ए. शारदा देवी, बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी और शहीद के परिवारजन उपस्थित थे.
देश की रक्षा के लिए लड़ते हुए अपने बेटे के सर्वोच्च बलिदान
शहीद के पिता चिंगाखम बोनबिहारी ने हवाई अड्डे पर मीडिया से कहा, "देश की रक्षा के लिए लड़ते हुए अपने बेटे के सर्वोच्च बलिदान पर मुझे गर्व है." राज्यपाल भल्ला ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर लिखा, "मणिपुर का एक बेटा, देश का हीरो. BSF की 7वीं बटालियन के कांस्टेबल दीपक चिंगाखम ने 10 मई को खारखोला बीओपी पर सीमा पार से ड्रोन हमले के दौरान घायल हुए थे.
मणिपुर सरकार की अनुग्रह राशि
मणिपुर सरकार ने मेजर लैशराम ज्योतिन सिंह अशोक चक्र (पी) योजना के तहत शहीद के परिवार को 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की. भारत-पाकिस्तान सैन्य तनाव 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद शुरू हुआ, जिसमें पांच आतंकवादियों ने एक नेपाली नागरिक सहित 26 लोगों की हत्या कर दी थी. इस हमले के बाद सीमा पर तनाव बढ़ गया, जिसके परिणामस्वरूप दीपक चिंगाखम शहीद हुए.
नेताओं ने जताया शोक
पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने फेसबुक पर लिखा, "BSF कांस्टेबल दीपक चिंगाखम के घर यारीपोक का दौरा किया. उनके शांत साहस और सेवा की गहरी भावना को हमेशा सम्मान के साथ याद किया जाएगा. मणिपुर विधानसभा अध्यक्ष सत्यव्रत सिंह ने कहा, "एक सच्चे नायक जिन्होंने 10 मई 2025 को खारखोला सीमा चौकी पर कर्तव्य निभाते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया. वह पाकिस्तान के ड्रोन हमले में शहीद हो गए.'