'ये जो किराए के टैटू हैं, इन्हें गंभीरता से न लें...,' खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों के प्रदर्शन पर बोले केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी

Published on: 16 Jun 2025 | Author: Mayank Tiwari
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार (16 जून) कनाडा में जी7 शिखर सम्मेलन से पहले खालिस्तानी समर्थकों के प्रदर्शन की कड़ी निंदा की है. उन्होंने इन प्रदर्शनकारियों को "किराए के टट्टू" करार देते हुए जनता से इन्हें गंभीरता से न लेने की अपील की. सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में पुरी ने कहा, "ये खालिस्तानी समर्थक पड़ोसी देश (पाकिस्तान) से फंडिंग लेकर प्रदर्शन करते हैं."
न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि जब उनकी फंडिंग बंद हुई, तो ये समर्थक इस्लामाबाद के खिलाफ हो गए. पुरी ने दोहराया, "ये जो किराए के टट्टू हैं, इन्हें गंभीरता से न लें." यह बयान तब आया जब कनाडा में जी7 शिखर सम्मेलन से पहले खालिस्तानी समर्थकों ने बड़े पैमाने पर कार रैली आयोजित की, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी भाग ले रहे हैं.
#WATCH | On pro-Khalistani protestors in Canada holding demonstrations ahead of G7 Summit, Union Minister Hardeep Singh Puri says, "...Yeh jo kiraye ke tatto hain, don't take them seriously." pic.twitter.com/u4LPmAPo3m
— ANI (@ANI) June 16, 2025
जी7 शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी की उपस्थिति
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के निमंत्रण पर अल्बर्टा में जी7 शिखर सम्मेलन में शामिल हो रहे हैं. यह उनकी छठी लगातार जी7 भागीदारी है. कनाडा का यह निमंत्रण भारत के साथ तनावपूर्ण संबंधों को सुधारने की ओटावा की मंशा को दर्शाता है, जो खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद बिगड़ गए थे.
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, "कनाडा के प्रधानमंत्री @मार्कजेकार्नी से फोन पर बात कर खुशी हुई. उनकी हालिया चुनावी जीत पर बधाई दी और इस महीने कननास्किस में जी7 शिखर सम्मेलन के निमंत्रण के लिए धन्यवाद दिया." उन्होंने आगे कहा, "जीवंत लोकतंत्रों के रूप में, जो गहरे जन-जन के संबंधों से जुड़े हैं, भारत और कनाडा आपसी सम्मान और साझा हितों के आधार पर नई ऊर्जा के साथ मिलकर काम करेंगे. शिखर सम्मेलन में मुलाकात का इंतजार है."
भारत-कनाडा संबंधों में चल रहा तनाव
बता दें कि, भारत और कनाडा के बीच संबंध 2023 में उस समय ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गए थे, जब तत्कालीन कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या में भारत का संभावित संबंध होने का आरोप लगाया था. भारत ने पिछले साल अक्टूबर में अपने उच्चायुक्त और पांच अन्य राजनयिकों को वापस बुला लिया था, जब कनाडा ने उन्हें निज्जर मामले की जांच से जोड़ने की कोशिश की. दोनों देशों ने तित-के-तत कार्रवाई में समान संख्या में राजनयिकों को निष्कासित किया.
संबंध सुधार की उम्मीद
हालांकि, अप्रैल में लिबरल पार्टी के नेता मार्क कार्नी की चुनावी जीत ने संबंधों को सुधारने की उम्मीद जगाई है. पिछले कुछ महीनों में भारत और कनाडा के सुरक्षा अधिकारियों ने संपर्क बहाल किए हैं, और दोनों पक्ष नए उच्चायुक्तों की नियुक्ति की संभावना तलाश रहे हैं. पीएम मोदी की यह यात्रा, जो साइप्रस और क्रोएशिया भी शामिल है, आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन के लिए भारत का आभार व्यक्त करने का अवसर है. विशेष रूप से, क्रोएशिया की यह यात्रा किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा होगी.