'जब पैसों की अहमीयत भारतीय भाइयों के खून से ज़्यादा हो जाए', एशिया कप में भारत-पाक मुकाबले पर प्रियंका चतुर्वेदी का सरकार पर तीखा वार

Published on: 03 Aug 2025 | Author: Kuldeep Sharma
शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने एशिया कप में होने वाले भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) और केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले के संदर्भ में इस मैच को "श्रापित पैसा कमाने की कोशिश" बताया.
गौरतलब है कि एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) ने पुष्टि की है कि यह बहुप्रतीक्षित मुकाबला 14 सितंबर को UAE में खेला जाएगा. टूर्नामेंट 9 से 28 सितंबर तक चलेगा. भारत और पाकिस्तान की टीमें सुपर फोर और फाइनल में फिर से आमने-सामने आ सकती हैं. इस पर प्रियंका चतुर्वेदी ने नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा, “जब पैसा हमारे जवानों के खून से ज़्यादा अहम हो जाए. भारत सरकार ऑपरेशन सिंदूर पर जो दोहरापन दिखा रही है, वह शर्मनाक है. और BCCI यह सिर्फ़ खून का पैसा नहीं, श्रापित पैसा भी है जो आप कमाने जा रहे हैं.”
प्रियंका चतुर्वेदी ने उठाए सवाल
यह बयान उस वक्त आया है जब पाकिस्तान समर्थित आतंकियों ने पहलगाम में 26 निर्दोष नागरिकों की बेरहमी से हत्या कर दी, जिससे पूरे देश में शोक और गुस्सा फैल गया. इसी माहौल में चतुर्वेदी ने सवाल उठाया कि क्या ऐसे हालात में भी भारत सरकार और क्रिकेट बोर्ड पाकिस्तान के साथ खेल संबंध जारी रख सकते हैं?
सोशल मीडिया पर उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इस मैच से मुनाफा कमाने वाले हर प्रायोजक, ब्रॉडकास्टर और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म को "नाम लेकर शर्मिंदा करें". साथ ही उन्होंने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से मैच के प्रसारण पर रोक लगाने की मांग की है. उन्होंने पूछा, “क्या ये मंत्रालय भी झुक जाएंगे?”
आदित्य ठाकरे ने भी की सरकार की आलोचना
शिवसेना (UBT) के एक और नेता और वर्ली से विधायक आदित्य ठाकरे ने भी इस मुद्दे पर सरकार की आलोचना करते हुए कहा, “दुनिया भर में पाकिस्तान के आतंकवाद को लेकर प्रतिनिधिमंडल भेजने के बाद सरकार BCCI से यह कहने की भी हिम्मत नहीं कर पा रही कि वे टूर्नामेंट से हट जाएं. यह भारतीय भावनाओं का मज़ाक है.”
इस पूरे विवाद ने एक बार फिर यह बहस छेड़ दी है कि क्या खेल और राजनीति को अलग रखना चाहिए, खासकर जब बात राष्ट्रीय सुरक्षा की हो. खेल मंत्रालय के एक सूत्र ने पीटीआई को बताया कि फिलहाल BCCI राष्ट्रीय खेल संचालन विधेयक लंबित होने के कारण मंत्रालय के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता, इसलिए सरकार के पास सीधी कार्रवाई का अधिकार नहीं है.
मंत्रालय ने क्या कहा?
हालांकि, मंत्रालय का कहना है कि भारत-पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय क्रिकेट संबंध नहीं हो सकते, लेकिन बहुपक्षीय टूर्नामेंटों में हिस्सा लेना ओलंपिक चार्टर के नियमों के अंतर्गत आता है, जो राजनीतिक भेदभाव की मनाही करता है. यह भारत के 2036 ओलंपिक की मेज़बानी की कोशिशों के लिए भी एक महत्वपूर्ण पहलू है.
लेकिन साफ है कि देश में एक बड़ा वर्ग इस मैच के खिलाफ है और अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या BCCI इस विवाद के बाद अपने फैसले पर पुनर्विचार करेगा.