चीन की आर्मी के दम पर उछल रहा है पाकिस्तान! शिन्हुआ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने किया बड़ा खुलासा

Published on: 11 May 2025 | Author: Mayank Tiwari
भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की दहलीज पर पहुंचा तनाव फिलहाल कुछ कम होता दिख रहा है. जहां दोनों देश युद्ध के कगार पर थे, लेकिन इस संकट में चीन ने अपनी दोहरी कूटनीति का परिचय दिया. ऊपरी तौर पर चीन ने शांति और बातचीत की वकालत की, लेकिन गहराई से देखें तो उसकी रणनीति भारत पर दबाव बनाने और पाकिस्तान को समर्थन देने की रही.
चीन की दोहरी रणनीति
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सिन्हुआ यूनिवर्सिटी के माओ केजी और साउथ एशियन रिसर्च ग्रुप के चेन झाऊ ने चीनी वेबसाइट Guancha पर एक लेख में लिखा, "कुछ हद तक, भारत की कार्रवाइयों से पहले पाकिस्तान के लिए मजबूत समर्थन जारी कर चीन भारत के आक्रमण को रोकना चाहता था, लेकिन जब एक बार भारत ने कार्रवाई शुरू कर दी, फिर ऐसे बयानों के लिए कोई जगह नहीं रह जाती है. इसके बजाय, यह बातचीत का आग्रह करने और शांति को बढ़ावा देने के अपने ज्यादा पारंपरिक रुख पर वापस आ गया. उन्होंने आगे कहा, "बयानबाजी में यह सूक्ष्म बदलाव क्षेत्रीय स्थिरता और उसकी जिम्मेदारी की भावना के लिए चीन की गहरी चिंता को दर्शाता है."
पाकिस्तान को समर्थन, भारत पर दबाव
वहीं, लेख में दावा किया गया कि चीन ने शुरू में पाकिस्तान के बयानों का समर्थन कर भारत पर परोक्ष दबाव बनाया ताकि वह कोई बड़ा सैन्य कदम न उठाए. लेकिन जब भारत ने सीमित सैन्य कार्रवाई शुरू की, तो बीजिंग ने अपनी परंपरागत "शांति" की भाषा अपनाई. लेख के अनुसार, चीन ने पाकिस्तान को "कमजोर पक्ष" बताकर उस आतंकवाद का परोक्ष समर्थन किया, जिसके खिलाफ भारत लड़ रहा है. ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या कमजोर होने के कारण आतंकवाद की जवाबदेही से बचा जा सकता है?
पीओके में चीनी सैनिकों का सनसनीखेज खुलासा
लेख में एक विवादास्पद दावा किया गया, "2020 से चीनी सैनिक भारतीय नियंत्रण वाले कश्मीर के पास तैनात हैं. और उनकी मौजूदगी दक्षिण एशिया में शांति की अंतिम गारंटी बन गई है." यह खुलासा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में चीनी सैनिक तैनात हैं, भारत की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है. यह न केवल सैन्य तैनाती है, बल्कि बीजिंग की धमकी भी है, जो भारत को पीओके में कोई सैन्य कार्रवाई करने से पहले चीन की मौजूदगी को ध्यान में रखने की चेतावनी देता है.