Canada Elections 2025: 'ट्रंप हमें तोड़ना...', ऐतिहासिक वापसी के बाद मार्क कार्नी ने दी चेतावनी, जानें अमेरिकी दखल से कैसे गूंजा जनादेश?

Published on: 29 Apr 2025 | Author: Ritu Sharma
Canada Elections 2025: कनाडा में हुए संघीय चुनाव में प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की अगुवाई वाली लिबरल पार्टी ने एक बार फिर सत्ता में वापसी कर ली है. यह लगातार उनकी चौथी चुनावी जीत है, जो न केवल उनकी राजनीतिक वापसी का प्रतीक है बल्कि डोनाल्ड ट्रम्प की उग्र बयानबाज़ी के खिलाफ कनाडाई जनमत का स्पष्ट जवाब भी माना जा रहा है.
बता दें कि ओटावा में अपने विजय भाषण के दौरान कार्नी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर सीधा हमला बोलते हुए कहा, ''राष्ट्रपति ट्रम्प हमें तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं ताकि अमेरिका हम पर अपना अधिकार जमा सके. ऐसा कभी नहीं होगा.'' उन्होंने यह भी कहा कि सेकंड विश्व युद्ध के बाद पहली बार अमेरिका-कनाडा साझेदारी इस स्तर पर कमजोर हुई है.
ट्रम्प की बयानबाजी ने बढ़ाया वोटिंग प्रतिशत
इस बार का मतदान प्रतिशत पिछले चुनावों के मुकाबले काफ़ी ऊंचा रहा. 7.3 मिलियन से ज़्यादा कनाडाई पहले ही वोट डाल चुके थे. इनमें से कई मतदाता ट्रम्प की 'कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने' जैसी सोशल मीडिया टिप्पणियों से आहत थे और उन्होंने वोटिंग के जरिए इसका जवाब दिया.
विपक्ष की हार में ट्रम्प की 'नकल' ने निभाई भूमिका
वहीं कंजर्वेटिव नेता पियरे पोलीवरे ने बढ़ती महंगाई और लिबरल विरोधी नारों के सहारे वोट बटोरने की कोशिश की, लेकिन उनकी ट्रम्प-जैसी शैली ने उल्टा असर डाला. उन्होंने हार स्वीकार कर ली, हालांकि उनकी खुद की संसदीय सीट पर भी अनिश्चितता बनी हुई है.
भविष्य में हो सकती है कई चुनौतियां
हालांकि लिबरल पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, लेकिन अभी यह साफ़ नहीं है कि उन्हें पूर्ण बहुमत मिला या नहीं. अगर बहुमत से चूक होती है, तो उन्हें ब्लॉक क्यूबेकॉइस या एनडीपी जैसी छोटी पार्टियों का समर्थन लेना पड़ेगा. एनडीपी के नेता जगमीत सिंह ने चुनावी हार के बाद इस्तीफा दे दिया है. साथ ही कार्नी ने वादा किया कि अमेरिकी सामानों पर जवाबी शुल्क लगाए जाएंगे जिससे कनाडाई मजदूरों को सीधा लाभ मिलेगा. साथ ही उन्होंने कर में राहत, दंत चिकित्सा सेवाएं और स्थायी आव्रजन को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराई.
विदेश नीति आधारित मतदान में ट्रम्प बने अप्रत्याशित 'मुद्दा'
बताते चले कि यह चुनाव 1988 के बाद सबसे ज्यादा विदेश नीति प्रेरित मतदान माना जा रहा है. विडंबना यह है कि ट्रम्प का दखल लिबरल पार्टी की हार का नहीं, बल्कि उनकी जीत का कारण बन गया.