Iran-Israel Tensions: 90 प्रतिशत आम नागरिकों की मौत, जानें ईरान-इजरायल युद्ध पर अब तक का फुल अपडेट

Published on: 16 Jun 2025 | Author: Mayank Tiwari
Iran Israel tensions: ईरान और इजरायल के बीच चार दिन से चल रहा युद्ध और गहरा गया है. सोमवार (16 जून) की सुबह तेहरान ने इजरायल पर मिसाइलों की ताजा बौछार की, जिससे दोनों पक्षों में सैकड़ों लोग मारे गए और घायल हुए. यह हमला शुक्रवार को तेल अवीव के आक्रामक अभियान के बाद शुरू हुआ. ईरान की संसद परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) से हटने के लिए एक विधेयक तैयार कर रही है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार (16 जून) के मिसाइल हमलों ने इजरायल में व्यापक दहशत फैलाई. तेल अवीव में सुनाई दीं धमाकों की आवाजें शायद इजरायली वायु रक्षा प्रणाली के मिसाइल अवरोधन से थीं. आपातकालीन सेवाओं ने पांच नागरिकों की मौत और दर्जनों के घायल होने की पुष्टि की.
ईरान पर हमले को लेकर क्या बोली इजरायली सेना!
इजरायल की सेना ने सोमवार को दावा किया कि उसने तेहरान के ऊपर “हवाई वर्चस्व” स्थापित कर लिया है और ईरान की एयर डिफेंस सिस्टम और मिसाइल सिस्टम को काफी हद तक नष्ट कर दिया है. इजरायल के अनुसार, उसके विमान अब तेहरान के ऊपर बिना किसी बड़े प्रतिरोध के संचालित हो सकते हैं.
एनपीटी से हटने की तैयारी में जुटा ईरान
ईरान परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) से हटने पर विचार कर रहा है, जो परमाणु हथियारों के प्रसार को रोकने वाली एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय संधि है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बघाई ने प्रेस वार्ता में कहा, “हाल की घटनाओं के आलोक में, हम उचित निर्णय लेंगे. सरकार को संसदीय विधेयकों को लागू करना होता है, लेकिन ऐसा प्रस्ताव अभी तैयार किया जा रहा है और बाद के चरणों में संसद के साथ समन्वय करेंगे.”
इजरायली हमले में हुआ मानवीय नुकसान
ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि शुक्रवार से शुरू हुए इजरायली हमलों में 224 लोग मारे गए और 1,277 अन्य अस्पताल में भर्ती हैं. मंत्रालय के प्रवक्ता होसैन केरमानपौर ने सोशल मीडिया पर लिखा, “90 प्रतिशत से अधिक हताहत नागरिक हैं.”
अमेरिकी हस्तक्षेप
एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की हत्या के लिए इजरायल के “विश्वसनीय” प्रस्ताव को वीटो कर दिया. एपी के अनुसार, ट्रंप प्रशासन को डर था कि इससे क्षेत्रीय अस्थिरता बढ़ेगी.
भारतीय नागरिकों की सुरक्षा
भारतीय विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि इजरायली हमलों के बीच ईरान में कुछ भारतीय छात्रों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है और अन्य व्यवहार्य विकल्पों की तलाश की जा रही है. भारतीय दूतावास भारतीय समुदाय के नेताओं के संपर्क में है. लगभग 120 लोग, जिनमें राजनयिक शामिल हैं,
तुर्कमेनिस्तान के रास्ते ईरान से निकाले गए.
अमेरिकी वाणिज्य दूतावास को नुकसान
ईरानी मिसाइल हमले से तेल अवीव में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास को मामूली नुकसान पहुंचा. अमेरिकी राजदूत माइक हकाबी ने एपी को बताया कि कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन तेल अवीव और यरुशलम में अमेरिकी राजनयिक सुविधाएं दिनभर बंद रहीं.
जानें इजरायल ने क्या किया दावा
इजरायल ने ईरान के मिसाइल शस्त्रागार का बड़ा हिस्सा नष्ट करने का दावा किया. सैन्य प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने टेलीविजन पर कहा, “50 से अधिक लड़ाकू जेट और विमानों ने हमले किए और 120 से अधिक सतह-से-सतह मिसाइल लांचर नष्ट किए. यह ईरानी शासन के पास मौजूद सतह-से-सतह मिसाइल लांचर का एक-तिहाई हिस्सा है.”
तेल अवीव में फैली दहशत
सोमवार के मिसाइल हमलों ने तेल अवीव में दहशत का माहौल पैदा कर दिया. काला धुआं आकाश में छा गया, और नागरिकों को सुरक्षित स्थानों की तलाश में संघर्ष करना पड़ा. रक्षा प्रणालियों ने अधिकांश मिसाइलों को रोक लिया, लेकिन युद्ध के बढ़ते मनोवैज्ञानिक प्रभाव से निवासी परेशान हैं.
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इजरायल ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की आलोचना को खारिज कर दिया, इसे पक्षपातपूर्ण करार दिया. ट्रम्प प्रशासन ने अमेरिका को इसकी कार्यवाही से बाहर रखा है. इस बीच, चेक और स्लोवाक अधिकारी इजरायल से निकासी में सहायता कर रहे हैं, जबकि ताइवान ने 14 नागरिकों को जॉर्डन पहुंचाया और ईरान में फंसे अन्य लोगों की मदद कर रहा है.