Israel-Iran conflict: न्यूक्लियर संधि से बाहर निकलने के लिए विधेयक लाने की तैयारी में ईरान, इजरायल के लिए क्या हैं मायने

Published on: 16 Jun 2025 | Author: Gyanendra Sharma
इजरायल और ईरान के बीच पिछले चार दिनों से हवाई हमलों का सिलसिला जारी है, जिसने क्षेत्रीय युद्ध की आशंका को और गहरा दिया है. दोनों देशों ने अंतरराष्ट्रीय सीजफायर अपीलों को नजरअंदाज करते हुए मिसाइल हमले तेज कर दिए हैं. इजरायल ने ईरान के सैन्य ठिकानों और परमाणु साइटों को निशाना बनाया, जबकि ईरान ने तेल अवीव और मध्य इजरायल में जवाबी बमबारी की. इजरायल के हमलों में ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडरों और परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या हुई है, जिसके बाद ईरान ने बदले की कार्रवाई शुरू की.
परमाणु संधि से बाहर निकलने की घोषणा
ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघई ने सोमवार को कहा, "ईरानी संसद परमाणु अप्रसार संधि (NPT) से बाहर निकलने के लिए एक विधेयक तैयार कर रही है." उन्होंने यह भी दोहराया, "ईरान सामूहिक विनाश के हथियारों का विरोध करता है और हम परमाणु हथियार बनाने के पक्षधर नहीं हैं." यह बयान ऐसे समय में आया है, जब इजरायल ने ईरान की परमाणु साइटों को निशाना बनाया और आसपास के इलाकों में रहने वालों को निकलने की चेतावनी दी.
ईरान का परमाणु कार्यक्रम और विवाद
ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने कहा, "ईरान का परमाणु हथियार विकसित करने का इरादा नहीं है, लेकिन वह न्यूक्लियर एनर्जी और रिसर्च के अपने अधिकार का पालन करेगा." यह बयान सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई के धार्मिक फरमान के अनुरूप है. हालांकि, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ने चेतावनी दी है कि ईरान के पास कई परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त यूरेनियम है. 1957 में अमेरिका की मदद से शुरू हुआ ईरान का परमाणु कार्यक्रम मूल रूप से ऊर्जा जरूरतों के लिए था, लेकिन 2018 में अमेरिका द्वारा समझौते से पीछे हटने के बाद ईरान ने यूरेनियम संवर्धन तेज कर दिया.
हमलों का विनाशकारी प्रभाव
इजरायल के हमलों ने ईरान की परमाणु साइट्स, तेल डिपो और रिहायशी इलाकों को तबाह कर दिया, जिसमें 400 से अधिक लोग मारे गए. वहीं, इजरायल में 16 लोगों की मौत हुई और कुछ रिहायशी इलाकों को नुकसान पहुंचा. दोनों देशों के बीच बढ़ता तनाव वैश्विक चिंता का विषय बन गया है. ईरान का एनपीटी से बाहर निकलने का फैसला और इजरायल के साथ सैन्य तनाव क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं. क्या यह संकट बातचीत से हल होगा, या युद्ध की ओर बढ़ेगा, यह समय बताएगा.