गाजा को निशाना बनाने में माइक्रोसॉफ्ट की तकनीक का इस्तेमाल, सत्या नडेला ने की थी इजरायल के जासूसी चीफ से मुलाकात, रिपोर्ट में सनसनीखेज दावा

Published on: 07 Aug 2025 | Author: Kuldeep Sharma
माइक्रोसॉफ्ट, दुनिया की सबसे बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों में से एक है, जो अब एक गंभीर विवाद के केंद्र में है. हाल ही में सामने आई एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कंपनी की क्लाउड तकनीक Azure का उपयोग इजरायल की सैन्य खुफिया इकाई द्वारा गाजा और वेस्ट बैंक में फलस्तीनियों की व्यापक निगरानी के लिए किया जा रहा है.
यह खुलासा द गार्डियन और +972 मैगजीन की संयुक्त जांच से हुआ है, जिसमें लीक हुए दस्तावेजों और साक्षात्कारों के आधार पर बताया गया है कि माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने 2021 में इजरायली खुफिया इकाई Unit 8200 के प्रमुख योसी सैरियल से मीटिंग की थी. यह साझेदारी न केवल तकनीकी सहयोग तक सीमित है, बल्कि फलस्तीनियों के निजता के अधिकारों और इजरायल की सैन्य कार्रवाइयों में माइक्रोसॉफ्ट की संभावित भूमिका पर सवाल उठाती है.
इजरायल के साथ माइक्रोसॉफ्ट की साझेदारी
इस रिपोर्ट के अनुसार माइक्रोसॉफ्ट की Azure क्लाउड तकनीक का उपयोग इजरायल की Unit 8200 द्वारा गाजा और वेस्ट बैंक में लाखों फलस्तीनियों के फोन कॉल्स रिकॉर्ड और संग्रहीत करने के लिए किया गया. इस प्रणाली को 2022 में लागू किया गया था, और इसके लिए डेटा आयरलैंड और नीदरलैंड में स्थित Azure सर्वरों पर स्टोर किया जाता है. लीक हुए दस्तावेजों से ये पता चलता है कि माइक्रोसॉफ्ट ने Unit 8200 के लिए अपनी क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर का एक अलग हिस्सा भी आवंटित किया. यह साझेदारी तब शुरू हुई जब सत्या नडेला ने 2021 में योसी सैरियल से मुलाकात की, जिसमें Azure की स्टोरेज और कम्प्यूटिंग क्षमताओं को इजरायल की निगरानी प्रणाली के लिए उपयोग करने पर चर्चा हुई. हालांकि, माइक्रोसॉफ्ट का दावा है कि उसे इस डेटा के विशिष्ट उपयोग के बारे में जानकारी नहीं थी.
कर्मचारियों का विरोध और कंपनी की प्रतिक्रिया .
माइक्रोसॉफ्ट के कई कर्मचारियों ने इस साझेदारी के खिलाफ आवाज उठाई है. मई 2024 में, माइक्रोसॉफ्ट के एक फर्मवेयर इंजीनियर जो लोपेज ने कंपनी के Build डेवलपर कॉन्फ्रेंस में सत्या नडेला के भाषण को बाधित कर फलस्तीन समर्थक टिप्पणी की थी. बाद में, उन्होंने मीडियम पर एक पोस्ट में लिखा कि माइक्रोसॉफ्ट को इस “बेकार त्रासदी” को रोकने के लिए इजरायल को तकनीकी समर्थन देना बंद करना चाहिए.
कर्मचारियों का आरोप है कि कंपनी ने आंतरिक ईमेल और चैट में “फलस्तीन” शब्द पर प्रतिबंध लगा दिया है. माइक्रोसॉफ्ट ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि उसकी तकनीक का उपयोग गाजा में लोगों को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं किया गया. कंपनी ने यह भी दावा किया कि नडेला को Unit 8200 द्वारा एकत्र किए गए डेटा की प्रकृति की जानकारी नहीं थी.
विवाद और नैतिक सवाल
यह खुलासा ऐसे समय में आया है जब इजरायल पर गाजा में नरसंहार के आरोप लग रहे हैं, जिनकी जांच अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में भी हो रही है. माइक्रोसॉफ्ट की इस साझेदारी ने कंपनी की नैतिक जिम्मेदारी और तकनीकी दुरुपयोग के सवालों को जन्म दिया है. विशेषज्ञों का कहना है कि इतने बड़े पैमाने पर फलस्तीनियों की निगरानी न केवल निजता का उल्लंघन है, बल्कि यह मानवाधिकारों के हनन का मामला भी हो सकता है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि माइक्रोसॉफ्ट की तकनीक का उपयोग संभवतः गाजा में लक्षित सैन्य कार्रवाइयों में किया गया है, हालांकि कंपनी इससे इनकार करती है.
नडेला की चुप्पी और भविष्य
सत्या नडेला ने 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के इजरायल पर हमले की निंदा की थी, लेकिन गाजा में इजरायल की सैन्य कार्रवाइयों पर उनकी चुप्पी ने कर्मचारियों और बाहरी आलोचकों में असंतोष पैदा किया है. यह विवाद माइक्रोसॉफ्ट की छवि को प्रभावित कर सकता है, खासकर जब कर्मचारी और उपभोक्ता कंपनी से इस साझेदारी को खत्म करने की मांग कर रहे हैं. लोपेज ने अपनी पोस्ट में चेतावनी दी कि अगर माइक्रोसॉफ्ट ने इस मुद्दे को नजरअंदाज किया, तो इसके खिलाफ बहिष्कार और बढ़ सकता है. यह स्थिति तकनीकी कंपनियों के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा करती है कि क्या उनकी तकनीक का उपयोग मानवाधिकारों के उल्लंघन में हो रहा है और क्या उन्हें ऐसी साझेदारियों पर पुनर्विचार करना चाहिए.