भारत के पड़ोसी देश में कौन मचा रहा कई सालों से तबाही? स्कूल में बमबारी, 17 से अधिक छात्रों की मौत, 20 से ज्यादा घायल

Published on: 14 May 2025 | Author: Reepu Kumari
भारत के पड़ोसी देश म्यांमार में हालात खराब हैं. सैन्य जुंटा ने एक स्कूल ही हमला बोल दिया. स्कूल में बमबारी को अंजाम दिया गया है. इस हमले में 17 छात्रों की जान चली गई है. जान लें कि 20 से अधिक घायल हो गए हैं. जिस स्कूल पर बमबारी हुई है वह सागाइंग क्षेत्र के डेपायिन शहर में है. इसे म्यांमार की अपदस्थ राष्ट्रीय एकता सरकार के द्वारा चलाया जा रहा है. इस दर्दनाक हमले पर अभी तक सैन्य जुंटा की ओर से कोई भी बयान या टिप्पणी नहीं की गई है. याद हो कि पड़ोसी देश में काफी लंबे समय से गृहयुद्ध का माहौल है. यह कोई पहला हमला नहीं है इससे पहले भी ऐसे मामलों को अंजाम दिया जा चुका है. अब तक हजारों की जान जा चुकी है. कई लाख आबादी विस्थापित हुई है.
म्यांमार के स्वतंत्र मीडिया के अनुसार, क्षेत्र के तबायिन कस्बे (जिसे डेपायिन के नाम से भी जाना जाता है) के ओहे हतेन ट्विन गांव में सोमवार सुबह हुए बम विस्फोट में मरने वालों की संख्या 17 से 20 से अधिक के बीच है.
22 छात्र और दो शिक्षकी की मौत
ताजा जानकारी के अनुसार अन्य लोगों ने बताया कि सुबह हुए हमले में कम से कम 22 छात्र और दो शिक्षक मारे गए तथा दर्जनों अन्य घायल हो गए. सैन्य शासन के खिलाफ लड़ने वाले व्हाइट डेपेयिन पीपुल्स डिफेंस फोर्स प्रतिरोध समूह के एक सदस्य ने कहा कि एक लड़ाकू जेट ने सीधे स्कूल पर बम गिराया, जहां प्राथमिक से लेकर हाई स्कूल स्तर तक के छात्र पढ़ रहे थे.
50 अन्य घायल
स्कूल पर हुए हमले में 20 छात्र और दो शिक्षक मारे गए, जबकि 50 अन्य घायल हो गए. स्कूल का संचालन देश के लोकतंत्र समर्थक आंदोलन द्वारा किया जाता है. हमले में पास के तीन घर भी क्षतिग्रस्त हो गए. विपक्ष की राष्ट्रीय एकता सरकार के प्रवक्ता ने फोन लैट ने कहा कि उन्हें भी हताहतों की संख्या के बारे में यही जानकारी मिली है तथा उन्होंने चेतावनी दी कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है.
बढ़े हवाई हमले
यह संगठन सैन्य शासन के प्रतिरोध का समन्वय करने वाला मुख्य विपक्षी समूह है. भारत की सीमा के निकट सागाइंग क्षेत्र सशस्त्र प्रतिरोध का गढ़ रहा है और हाल के वर्षों में सेना ने स्थानीय लोकतंत्र समर्थक पीपुल्स डिफेंस फोर्सेज के खिलाफ हवाई हमले बढ़ा दिए हैं.
सेना की ओर से कोई टिप्पणी नहीं
प्रतिरोध के पास हवाई हमलों के विरुद्ध कोई प्रभावी बचाव नहीं है. सेना की ओर से कोई टिप्पणी नहीं
न तो सैन्य सरकार और न ही राज्य-नियंत्रित मीडिया ने कथित हवाई हमले के बारे में कोई जानकारी जारी की है. जुंटा ने अपने शासन के खिलाफ व्यापक सशस्त्र प्रतिरोध का मुकाबला करने के लिए हवाई हमलों का तेजी से उपयोग किया है, जो फरवरी 2021 में शुरू हुआ था जब उसने आंग सान सू की की निर्वाचित सरकार से सत्ता छीन ली थी. गैर-सरकारी संगठनों द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, तब से अब तक सुरक्षा बलों द्वारा 6,600 से अधिक नागरिकों की हत्या की जा चुकी है.
लगातार हो रहे हमले
सितंबर 2022 में, इसी टाउनशिप के लेट येट कोन गांव में एक स्कूल और गांव के खिलाफ सैन्य हेलीकॉप्टरों द्वारा किए गए हवाई हमलों में सात बच्चों सहित कम से कम 13 लोग मारे गए. अप्रैल 2023 में हवाई हमलों में बच्चों सहित 160 से अधिक लोग मारे गए थे, जो सागाइंग क्षेत्र के कंबालू टाउनशिप के पाजीगी गांव के बाहर सैन्य शासन के विरोधियों द्वारा आयोजित एक समारोह में भाग ले रहे थे.
28 मार्च के विनाशकारी भूकंप
म्यांमार में हवाई हमलों ने हाल ही में तब अधिक ध्यान आकर्षित किया, जब संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार समूहों द्वारा विश्वसनीय मानी जाने वाली अनेक रिपोर्टों में कहा गया कि 28 मार्च के विनाशकारी भूकंप के बाद भी हवाई हमले जारी रहे, जिसके बाद सैन्य और प्रतिरोधी समूहों ने राहत प्रयासों को सुविधाजनक बनाने के लिए युद्ध विराम की घोषणा की थी.