वेनेजुएला को लेकर ट्रंप-पुतिन में महासंग्राम, रूसी राष्ट्रपति ने अमेरिकी प्रेसिडेंट को दिया खुला चैंलेज, क्या अब होगा तीसरा विश्व युद्ध!
Published on: 18 Dec 2025 | Author: Kuldeep Sharma
वेनेजुएला संकट ने एक बार फिर वैश्विक राजनीति में तनाव बढ़ा दिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस आदेश के बाद हालात और गंभीर हो गए हैं, जिसमें उन्होंने वेनेजुएला से जुड़े प्रतिबंधित तेल टैंकरों पर पूर्ण नाकाबंदी की बात कही है.
अमेरिका के इस कदम के जवाब में रूस खुलकर सामने आया है और ट्रंप प्रशासन को चेताया है कि कोई भी जल्दबाजी क्षेत्रीय अस्थिरता को जन्म दे सकती है.
अमेरिका की सख्त नाकाबंदी नीति
डोनाल्ड ट्रंप ने वेनेजुएला पर दबाव बढ़ाने के लिए तेल टैंकरों की आवाजाही रोकने का आदेश दिया है. उन्होंने इसे 'टोटल एंड कंपलीट ब्लॉकेड' करार दिया. अमेरिका का मानना है कि तेल निर्यात वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इसे रोककर मादुरो सरकार को झुकाया जा सकता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका पहले ही एक टैंकर जब्त कर चुका है और कैरेबियन सागर में भारी नौसैनिक तैनाती कर दी गई है.
रूस की कड़ी चेतावनी
अमेरिकी कदमों पर प्रतिक्रिया देते हुए रूस ने बेहद सख्त लहजे में चेतावनी जारी की है. मॉस्को ने कहा कि उसे उम्मीद है कि ट्रंप प्रशासन कोई 'घातक गलती' नहीं करेगा. रूस के अनुसार, ऐसी किसी भी कार्रवाई से पूरे पश्चिमी गोलार्ध में अप्रत्याशित और खतरनाक परिणाम सामने आ सकते हैं. रूस वेनेजुएला को अपना करीबी सहयोगी मानता है और काराकास के साथ लगातार संपर्क में है.
क्रेमलिन का संयम का संदेश
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि क्षेत्र के सभी देशों को संयम बरतना चाहिए. उन्होंने चेताया कि कैरेबियन सागर में अमेरिकी युद्धपोतों की मौजूदगी हालात को और जटिल बना सकती है. पेस्कोव ने साफ किया कि रूस अपने सहयोगी वेनेजुएला के संपर्क में है और स्थिति पर बारीकी से नजर रखे हुए है, ताकि किसी अप्रत्याशित टकराव से बचा जा सके.
वेनेजुएला का तीखा जवाब
वेनेजुएला ने अमेरिकी नाकाबंदी को अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ बताया है. मादुरो सरकार ने इसे सीधे तौर पर 'समुद्री डकैती' करार दिया है. वेनेजुएला का कहना है कि अमेरिका उसकी अर्थव्यवस्था को जानबूझकर पंगु बनाने की कोशिश कर रहा है. तेल निर्यात पर निर्भर देश के लिए यह नाकाबंदी गंभीर संकट पैदा कर सकती है, जिससे आम नागरिकों पर असर पड़ने की आशंका है.
भू-राजनीतिक टकराव की पृष्ठभूमि
रूस पहले भी वेनेजुएला की आर्थिक और कूटनीतिक मदद करता रहा है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस महीने की शुरुआत में फोन पर मादुरो के समर्थन की बात दोहरा चुके हैं. ट्रंप ने हालिया बयान में कहा था कि वेनेजुएला दक्षिण अमेरिका के इतिहास में अब तक के सबसे बड़े नौसैनिक घेरे में है. विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका और रूस के बीच यह टकराव क्षेत्रीय नहीं, बल्कि वैश्विक तनाव को और गहरा कर सकता है.