'युद्ध के अलावा कोई विकल्प नहीं', IWT पर बिलावल भुट्टो ने भारत को दी गीदड़ भभकी

Published on: 16 Jun 2025 | Author: Gyanendra Sharma
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने भारत से दोनों देशों के बीच लंबित सभी मुद्दों को हल करने के लिए बातचीत शुरू करने की अपील की है. यह बयान ऐसे समय में आया है, जब भारत द्वारा अप्रैल 22 को पहलगाम हमले के बाद इंडस वाटर ट्रीटी (IWT) को निलंबित करने के फैसले से दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है.
पाकिस्तान के पास युद्ध के अलावा कोई विकल्प नहीं
जर्मन ब्रॉडकास्टर डीडब्ल्यू उर्दू को दिए एक साक्षात्कार में बिलावल ने भारत के जल आपूर्ति रोकने के कदम को "अस्तित्व के लिए खतरा" करार दिया. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, "भारत द्वारा पाकिस्तान की जल आपूर्ति को रोकने का कोई भी प्रयास एक अस्तित्वगत खतरे के रूप में देखा जाएगा, जिसके बाद पाकिस्तान के पास युद्ध के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा."
बातचीत ही एकमात्र समाधान
बिलावल ने जोर देकर कहा कि जल सुरक्षा जैसे मुद्दे पर समझौता नहीं किया जा सकता है और पाकिस्तान अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा या जल अधिकारों से कोई समझौता नहीं करेगा. उन्होंने यह भी कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच सभी लंबित मुद्दों का समाधान केवल व्यापक बातचीत के माध्यम से ही संभव है. बिलावल ने चेतावनी दी, "अगर भारत बातचीत की मेज पर नहीं आता, तो यह उनके हित में नहीं होगा."
अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील
एक दिन पहले, बिलावल ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भारत को बातचीत के लिए प्रेरित करने की मांग की. उन्होंने दक्षिण एशिया में स्थायी शांति के लिए कश्मीर, जल विवाद और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर व्यापक वार्ता की आवश्यकता पर बल दिया. इस्लामाबाद ने भी वाशिंगटन से भारत को बातचीत की मेज पर लाने में मदद करने का आग्रह किया है.
खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते
दूसरी ओर, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के साथ कोई भी बातचीत केवल आतंकवाद और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के मुद्दे पर होगी. उन्होंने कहा, "खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते." भारत ने यह रुख अपनाया है कि जब तक पाकिस्तान अपनी धरती पर सक्रिय आतंकी समूहों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई नहीं करता, तब तक जल संधि के निलंबन पर पुनर्विचार नहीं किया जाएगा.
हाल के सैन्य तनाव
पहलगाम आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया. भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ढांचों पर सटीक हमले किए. इसके जवाब में पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश की. दोनों पक्षों के सैन्य संचालन निदेशकों के बीच 10 मई को हुई बातचीत के बाद सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर सहमति बनी.