वीडियो में देखें कैसे 700 सिंकहोल ने तुर्की के खेतों को किया तबाह, जानें इस रहस्यमयी घटना के पीछे की वजह
Published on: 13 Dec 2025 | Author: Km Jaya
नई दिल्ली: तुर्की का कृषि क्षेत्र आज गंभीर संकट से गुजर रहा है. मध्य तुर्की के कोन्या मैदान में खेत अचानक जमीन में धंस रहे हैं और बड़े बड़े सिंकहोल बनते जा रहे हैं. सरकारी आकलन के अनुसार अब तक 684 सिंकहोल सामने आ चुके हैं, जिनमें से कई इतने गहरे और चौड़े हैं कि उन्होंने पूरे खेत तबाह कर दिए हैं. ड्रोन फुटेज से यह साफ हो गया है कि जमीन धंसने की रफ्तार लगातार तेज हो रही है.
कोन्या मैदान तुर्की के सबसे अहम गेहूं उत्पादक इलाकों में से एक है. यहां की समतल जमीन के नीचे कार्बोनेट और जिप्सम जैसी घुलनशील चट्टानें मौजूद हैं. इस तरह की भू संरचना को कार्स्ट कहा जाता है, जिसमें हजारों साल में प्राकृतिक रूप से खोखले हिस्से बनते हैं. पहले यहां दशकों में कभी कभार ही सिंकहोल बनते थे, लेकिन साल 2000 के बाद हालात तेजी से बदले हैं.
NEW: A record-breaking drought has caused nearly 700 sinkholes to form across parts of Turkey, and experts warn that even more may open, putting farmland in danger. pic.twitter.com/X3rmYstxrA
— Weather Monitor (@WeatherMonitors) December 12, 2025
क्या है इसकी वजह?
वैज्ञानिकों का कहना है कि भूमिगत जल स्तर गिरने से इन खोखली चट्टानों को सहारा नहीं मिल पा रहा है. जैसे ही एक्विफर खाली होते हैं, ऊपर की जमीन अचानक ढह जाती है और विशाल गड्ढे बन जाते हैं. कई मामलों में ये सिंकहोल 30 मीटर से ज्यादा गहरे पाए गए हैं. इस संकट के पीछे जलवायु परिवर्तन और भीषण सूखा एक बड़ी वजह माने जा रहे हैं.
क्यों आई ऐसी स्थिति?
राष्ट्रीय रिकॉर्ड के अनुसार मध्य तुर्की में जल भंडार और भूमिगत पानी पिछले 15 सालों में सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है. बारिश कम होने से पानी की भरपाई नहीं हो पा रही है और जमीन के नीचे मौजूद खाली जगहें और कमजोर होती जा रही हैं. सूखे के साथ साथ दशकों से की जा रही अत्यधिक सिंचाई ने हालात और बिगाड़ दिए हैं. चुकंदर और मक्का जैसी ज्यादा पानी मांगने वाली फसलों के लिए भूमिगत पानी का जरूरत से ज्यादा दोहन किया गया.
अध्ययनों में क्या पता चला?
अध्ययनों के मुताबिक कोन्या बेसिन में कई इलाकों में 1970 के बाद से भूजल स्तर 60 मीटर तक गिर चुका है. यहां हजारों वैध और अवैध कुएं लगातार पानी खींच रहे हैं. तुर्की की आपदा एजेंसी एएफएडी के अनुसार कोन्या क्लोज्ड बेसिन में सिंकहोल की संख्या लगातार बढ़ रही है. करापनार जैसे जिलों में सबसे ज्यादा खतरा देखा गया है और इसका असर करमन और अक्सराय तक फैल रहा है.
कई किसानों को अपनी जमीन छोड़नी पड़ी है. कोन्या टेक्निकल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता सिंकहोल हॉटस्पॉट का मैप बना रहे हैं. साथ ही चेतावनी दे रहे हैं कि अगर भूजल के इस्तेमाल पर सख्त कंट्रोल नहीं किया गया और कम पानी वाली खेती की तरफ रुख नहीं किया गया, तो ये बड़े गड्ढे तुर्की के अनाज के भंडार वाले इलाके की एक और आम समस्या बन सकते हैं.