रेगिस्तानी देश में 'जल प्रलय', UAE में भारी बारिश, दुबई-अबू धाबी में मौसम का'आफतकाल', जानें क्यों अचानक बदला मौसम?
Published on: 19 Dec 2025 | Author: Kuldeep Sharma
नई दिल्ली: संयुक्त अरब अमीरात, जिसे दुनिया एक सूखे और रेगिस्तानी देश के रूप में जानती है, इन दिनों असामान्य बारिश और बाढ़ की मार झेल रहा है. दुबई और अबू धाबी सहित कई इलाकों में तेज बारिश ने सड़कों को जलमग्न कर दिया और सामान्य जीवन ठप हो गया.
यह कोई पहली घटना नहीं है. बीते साल भी ऐसी ही बारिश ने यूएई को चौंका दिया था. लगातार बढ़ती ऐसी घटनाएं जलवायु परिवर्तन और शहरी तैयारी पर सवाल खड़े कर रही हैं.
क्या हुआ यूएई में?
गुरुवार देर रात दुबई में तेज बारिश शुरू हुई, जो शुक्रवार तड़के तक जारी रही. इसके बाद अबू धाबी में भी भारी बारिश दर्ज की गई. सुबह होते-होते कई निचले इलाकों में जलभराव हो गया. उत्तरी अमीरात में तेज बहाव वाले पानी से घाटियां भर गईं, जिन्हें बेहद खतरनाक बताया गया. प्रशासन ने लोगों से ऐसे इलाकों से दूर रहने की अपील की.
सरकार की चेतावनी और पाबंदियां
हालात को देखते हुए दुबई सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम का निर्देश दिया, जबकि निजी कंपनियों को भी यही सलाह दी गई. अबू धाबी में दोपहर तक घरों में रहने की अपील की गई. सुरक्षा के मद्देनजर समुद्र तट, पार्क और पर्यटक स्थल अस्थायी रूप से बंद कर दिए गए, ताकि किसी तरह की जनहानि न हो.
रेगिस्तान में इतनी बारिश क्यों?
विशेषज्ञों के अनुसार, खाड़ी देशों में अब कम समय में अत्यधिक बारिश की घटनाएं बढ़ रही हैं. यूएई का बुनियादी ढांचा शुष्क मौसम को ध्यान में रखकर बनाया गया है, जिससे अचानक हुई भारी बारिश में जल निकासी व्यवस्था जवाब दे देती है. अप्रैल 2024 की बाढ़ ने पहले ही इस कमजोरी को उजागर कर दिया था, और अब यह समस्या और गंभीर हो गई है.
प्रशासन की तैयारी और असर
दुबई नगर निगम ने 24 घंटे की आपात सेवा सक्रिय कर दी है. विशेष टीमें और उपकरण तैनात किए गए हैं. बारिश के चलते उड़ानों पर भी असर पड़ा. इंडिगो समेत कई एयरलाइंस ने यात्रियों को संभावित देरी की चेतावनी दी. कई लोगों को एयरपोर्ट पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा, जबकि बीमा कंपनियों ने वाहन सुरक्षा को लेकर अलर्ट जारी किए.
यूएई से आगे भी असर
इस मौसम का असर केवल यूएई तक सीमित नहीं रहा. कतर की राजधानी दोहा में भारी बारिश और बिजली गिरने की आशंका के चलते फीफा अरब कप का एक प्लेऑफ मैच रद्द करना पड़ा. यह दर्शाता है कि पश्चिम एशिया में मौसम का मिजाज तेजी से बदल रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि अब जलवायु-सहिष्णु शहरी ढांचे पर गंभीरता से काम करने की जरूरत है, वरना ऐसे हालात बार-बार सामने आएंगे.