दमघोंटू हवा में कपड़े का मास्क आप भी करते हैं इस्तेमाल? जानें सेहत के लिए कितना कारगर
Published on: 13 Dec 2025 | Author: Reepu Kumari
नई दिल्ली: दिल्ली-NCR में प्रदूषण एक बार फिर गंभीर स्तर पर पहुंच गया है. कई इलाकों में AQI 400 के पार दर्ज किया गया, जिसके बाद GRAP-3 लागू करना पड़ा. स्मॉग की मोटी परत ने लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित किया है. सांस लेने में परेशानी, आंखों में जलन और गले में खराश जैसी शिकायतें तेजी से बढ़ी हैं. ऐसे में मास्क पहनना जरूरी माना जा रहा है.
अक्सर लोग प्रदूषण से बचने के लिए साधारण कपड़े का मास्क पहन लेते हैं. यह मास्क आसानी से उपलब्ध होता है और आरामदायक भी लगता है. लेकिन सवाल उठता है कि क्या यह मास्क हवा में मौजूद बेहद महीन प्रदूषक कणों से शरीर को सुरक्षित रख पाता है. विशेषज्ञों की राय इस मामले में साफ है और यह जानना हर व्यक्ति के लिए जरूरी हो जाता है.
गंभीर प्रदूषण बारीक कणों
डॉक्टरों के अनुसार कपड़े वाला मास्क बड़े धूल कणों को तो कुछ हद तक रोक सकता है, लेकिन PM2.5 जैसे बेहद बारीक कणों से पूरी सुरक्षा नहीं देता. यही कण फेफड़ों में गहराई तक जाकर नुकसान पहुंचाते हैं. गंभीर प्रदूषण के समय यह मास्क सीमित सुरक्षा ही प्रदान करता है.
मास्क ज्यादा कारगर नहीं
कपड़े के मास्क की प्रभावशीलता उसकी परतों पर भी निर्भर करती है. एक या दो परत वाला मास्क ज्यादा कारगर नहीं माना जाता. अगर मास्क ढीला है या चेहरे पर सही से फिट नहीं बैठता, तो प्रदूषित हवा आसानी से अंदर चली जाती है, जिससे जोखिम और बढ़ जाता है.
खराब या गंभीर
विशेषज्ञ मानते हैं कि AQI बहुत खराब या गंभीर श्रेणी में होने पर N95 या उससे बेहतर मास्क ज्यादा सुरक्षित विकल्प हैं. ये मास्क हवा में मौजूद महीन कणों को फिल्टर करने में ज्यादा सक्षम होते हैं और सांस की बीमारियों के खतरे को कम करते हैं.
कपड़े का मास्क पर्याप्त नहीं
बच्चों, बुजुर्गों और पहले से दमा या हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए कपड़े का मास्क पर्याप्त नहीं माना जाता. ऐसे लोगों को बाहर निकलने से बचने और जरूरत पड़ने पर ही उच्च गुणवत्ता वाला मास्क पहनने की सलाह दी जाती है.
हवा की गुणवत्ता पर नजर
प्रदूषण के मौजूदा हालात में केवल मास्क पर निर्भर रहना भी काफी नहीं है. डॉक्टरों का कहना है कि सुबह और देर शाम बाहर जाने से बचें, घर के अंदर रहें और हवा की गुणवत्ता पर नजर रखें. सही जानकारी और सतर्कता ही इस समय सबसे बड़ा बचाव है.