'शमी ने करियर छुड़वाया, ज़िंदगी बर्बाद करनी चाही', ₹4 लाख भत्ते का वाइफ हसीन जहां ने किया स्वागत

Published on: 02 Jul 2025 | Author: Kuldeep Sharma
भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद शमी और उनकी पत्नी हसीन जहां के बीच चल रहा पारिवारिक विवाद एक बार फिर चर्चा में है. मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने शमी को आदेश दिया कि वह हसीन जहां को हर महीने ₹1.5 लाख और उनकी बेटी को ₹2.5 लाख का अंतरिम मासिक भत्ता दें. हसीन जहां ने इस फैसले का स्वागत किया और शमी पर कई गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि यह फैसला न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
हसीन जहां ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि शादी से पहले वह मॉडलिंग और एक्टिंग करती थीं, लेकिन शमी ने उन्हें यह सब छोड़ने पर मजबूर किया. उन्होंने कहा, “मैंने शमी से प्यार किया, इसीलिए उसका हर फैसला खुशी से स्वीकार किया. लेकिन अब जब मैं कमाई नहीं कर पा रही हूं, तो मेरे और मेरी बेटी की जिम्मेदारी शमी की बनती है. लेकिन जब उसने इसे मानने से इनकार कर दिया, तो मुझे कोर्ट जाना पड़ा.” हसीन ने आगे कहा, “शमी मुझे बर्बाद नहीं कर सकता, क्योंकि मैं न्याय के रास्ते पर हूं और वह अन्याय के रास्ते पर.”
हाईकोर्ट ने दिया ये फैसला
इस मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस अजय कुमार मुखर्जी ने कहा कि हसीन जहां और उनकी बेटी की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करना जरूरी है जब तक कि मुख्य याचिका का निपटारा नहीं हो जाता. कोर्ट ने पहले के आदेश को संशोधित करते हुए ₹1.3 लाख की जगह ₹4 लाख मासिक भत्ता तय किया है. इसमें हसीन को ₹1.5 लाख और बेटी को ₹2.5 लाख मिलेंगे. कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि शमी यदि चाहें तो बेटी की पढ़ाई और अन्य ज़रूरतों के लिए अतिरिक्त सहयोग दे सकते हैं.
क्या है पूरा मामला?
हसीन जहां ने 2018 में शमी और उनके परिवार पर घरेलू हिंसा, दहेज प्रताड़ना और उपेक्षा के आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करवाई थी. उन्होंने कोर्ट से 10 लाख रुपये प्रतिमाह की अंतरिम राहत की मांग की थी, जिसमें ₹7 लाख अपने लिए और ₹3 लाख बेटी के लिए मांगे गए थे. अब कोर्ट ने इस पर सुनवाई करते हुए राहत की राशि को ₹4 लाख तक बढ़ा दिया है. गौरतलब है कि सत्र न्यायालय ने कुल ₹1.3 लाख मासिक भत्ता देने का फैसला सुनाया था. इसी फैसले को हसीन ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
हसीन जहां ने शमी पर लगाया आरोप
हसीन जहां ने कहा, “अगर कोई रिश्ते में जाता है, तो उसे सामने वाले के चरित्र के बारे में सब कुछ पहले से नहीं पता होता. मुझे भी धोखा मिला. मैं सिर्फ अपनी बेटी का सुरक्षित भविष्य चाहती हूं. भगवान ने सबसे बड़े गुनहगारों को भी माफ किया है, लेकिन शमी अपनी जिद नहीं छोड़ रहा. उसे समझना चाहिए कि बेटी की भलाई सबसे ऊपर है.” उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि वह अब भी न्याय की उम्मीद रखती हैं और किसी भी कीमत पर हार नहीं मानेंगी.