शुभमन गिल ने लगातार दूसरे टेस्ट मैच में जड़ा शतक, विराट कोहली, गावस्कर और विजय हजारे के साथ किस खास लिस्ट में हुए शामिल

Published on: 02 Jul 2025 | Author: Kuldeep Sharma
टीम इंडिया के युवा बल्लेबाज़ शुभमन गिल ने एक बार फिर अपने प्रदर्शन से क्रिकेट प्रेमियों को प्रभावित किया है. इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज़ में कप्तानी करते हुए उन्होंने लगातार दूसरे मैच में शतक ठोककर न सिर्फ टीम की पारी को संभाला, बल्कि खुद को एक परिपक्व कप्तान-बल्लेबाज़ के रूप में भी स्थापित किया. टेस्ट कप्तानी की शुरुआत से ही गिल ने जिस तरह का आत्मविश्वास और अनुशासन दिखाया है, ये उन्हें भारतीय क्रिकेट के भविष्य के मजबूत स्तंभों में शामिल करता है.
एजबेस्टन टेस्ट के पहले दिन शुभमन गिल ने जबरदस्त धैर्य और तकनीकी बल्लेबाज़ी का प्रदर्शन करते हुए अपना शतक पूरा किया. उन्होंने जो रूट की गेंद पर चौका मारते हुए 100 रन पूरे किए. इस दौरान उन्होंने 199 गेंदों में 11 चौकों की मदद से अपना सातवां टेस्ट शतक जड़ा. यह गिल का कप्तान के तौर पर लगातार दूसरा टेस्ट शतक है. पहले दिन का खेल भी खत्म हो गया है. बता दें कि इससे पहले, उन्होंने हेडिंग्ले (लीड्स) में खेले गए पहले टेस्ट में पहली पारी में 147 रन बनाए थे.
इतिहास के पन्नों में गिल का नाम
गिल अब उन चंद भारतीय बल्लेबाज़ों की लिस्ट में शामिल हो गए हैं जिन्होंने कप्तान के रूप में अपने पहले दो टेस्ट मैचों में शतक जड़े हों. इससे पहले यह उपलब्धि विजय हजारे, सुनील गावस्कर और विराट कोहली के नाम दर्ज है. विजय हजारे ने 1951 में दिल्ली और मुंबई में खेले गए अपने पहले दो टेस्ट में 164* और 155 रन बनाए थे. वहीं सुनील गावस्कर ने जनवरी 1976 में न्यूजीलैंड के खिलाफ 116 और फिर दिसंबर 1978 में वेस्टइंडीज के खिलाफ 205 और 78 रन की पारियां खेली थीं. विराट कोहली ने 2014 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने पहले टेस्ट में 115 और 141 रन और दूसरे टेस्ट में 147 रन की पारी खेली थी.
गिल से उम्मीदें और बढ़ीं
शुभमन गिल का यह प्रदर्शन न सिर्फ उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि भारतीय टीम के लिए भी राहत और गर्व का कारण है. युवा खिलाड़ी के रूप में उनकी कप्तानी की शुरुआत से ही एक परिपक्व सोच और तकनीक झलक रही है. इंग्लैंड के खिलाफ यह सीरीज़ गिल के करियर के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है. अगर वे इसी लय को बरकरार रखते हैं, तो आने वाले वर्षों में वह भारत के सफलतम टेस्ट कप्तानों में से एक बन सकते हैं. उनकी तकनीक, धैर्य और गेम को समझने की कला भारत के लिए लंबे समय तक फायदेमंद साबित हो सकती है.