नक्सलियों के 'यमराज' डॉग 'रोलो' की 200 मधुमक्खियों के हमले में गई जान, वीडियो में देखें CRPF ने अपने हीरो को कैसे दी आखिरी विदाई

Published on: 16 May 2025 | Author: Antima Pal
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सीआरपीएफ की 228वीं बटालियन ने अपने वीर डॉग रोलो को भावभीनी विदाई दी. दो साल का रोलो, जिसे नक्सलियों के लिए 'यमराज' कहा जाता था, 27 अप्रैल 2025 को शहीद हो गया. उसकी मृत्यु का कारण 200 मधुमक्खियों के हमले के बाद हुआ एनाफिलेक्टिक शॉक बताया गया. यह दुखद घटना छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर करेगुट्टा हिल्स में एक विशेष अभियान के दौरान हुई.
नक्सलियों के 'यमराज' डॉग 'रोलो' की 200 मधुमक्खियों के हमले में गई जान
रोलो नक्सलियों के खिलाफ अभियानों में अहम भूमिका निभाता था. वह अपने तेज दिमाग और साहस के लिए जाना जाता था. ऑपरेशन के बाद ड्यूटी से लौटते समय रोलो और उसके हैंडलर पर मधुमक्खियों के झुंड ने अचानक हमला कर दिया. मधुमक्खियों के डंक से रोलो को गंभीर चोटें आईं और वह एनाफिलेक्टिक शॉक में चला गया. तमाम कोशिशों के बावजूद उसे बचाया न जा सका.
#WATCH | CRPF personnel conduct last rites of K9 Rolo of 228 Bn in Sukma district of Chhattisgarh. The 2-year-old Rolo was declared dead on 27 April 2025, with the cause of death being anaphylactic shock following 200 bee stings.
Rolo and her handler were attacked by a swarm of… pic.twitter.com/qepVCLmcz9
— ANI (@ANI) May 16, 2025
सीआरपीएफ जवानों ने रोलो के बलिदान को पूरे सम्मान के साथ याद किया. उसका अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ किया गया. जवानों ने अपने इस नन्हे सिपाही को श्रद्धांजलि दी, जिसने नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया था. रोलो की बहादुरी और वफादारी की कहानियां सीआरपीएफ के जवानों के बीच हमेशा प्रेरणा देती रहेंगी.
CRPF ने अपने हीरो को दी आखिरी विदाई
यह घटना न केवल रोलो की वीरता को दर्शाती है, बल्कि उन खतरों को भी उजागर करती है, जिनका सामना सुरक्षाबल और उनके साथी जानवर नक्सल प्रभावित इलाकों में करते हैं. मधुमक्खियों का हमला एक अप्रत्याशित खतरा था, जिसने एक बहादुर योद्धा को छीन लिया. रोलो की शहादत ने सीआरपीएफ के जवानों को गहरा दुख पहुंचाया, लेकिन उनकी वीरता और समर्पण हमेशा याद रखा जाएगा.
देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान खतरे में डालते हैं
रोलो जैसे डॉग्स सीआरपीएफ के लिए सिर्फ साथी नहीं, बल्कि परिवार का हिस्सा होते हैं. वे खतरनाक अभियानों में जवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते हैं. रोलो की यह कहानी हमें उन अनाम नायकों की याद दिलाती है, जो देश की सुरक्षा के लिए हर पल अपनी जान खतरे में डालते हैं. उसकी शहादत हर किसी के लिए एक प्रेरणा है.