गोवा हादसे के बाद दिल्ली में अलर्ट, क्रिसमस-न्यू ईयर पर क्लब और रेस्टोरेंट में पटाखों पर लगी सख्त पाबंदी
Published on: 13 Dec 2025 | Author: Km Jaya
नई दिल्ली: दिल्ली में क्रिसमस और न्यू ईयर की पार्टी इस बार बदले हुए नियमों के साथ मनाई जाएगी. गोवा के नाइट क्लब में हुए भीषण हादसे के बाद दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग ने बड़ा फैसला लिया है. राजधानी के सभी क्लब, बार और रेस्टोरेंट में अब किसी भी तरह के पटाखे फोड़ने पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है.
साल 2025 के खत्म होने से पहले दिल्ली में जश्न की तैयारियां तेज हो गई हैं. क्रिसमस और न्यू ईयर को लेकर क्लब और रेस्टोरेंट पूरी तरह सजे हुए हैं लेकिन इस बार पार्टी में पटाखों की आवाज नहीं सुनाई देगी. आबकारी विभाग ने साफ कहा है कि किसी भी तरह के पारंपरिक या इलेक्ट्रिक पटाखे इस्तेमाल नहीं किए जाएंगे.
क्यों लगाई गई रोक?
हाल ही में गोवा के एक नाइट क्लब में आग लगने से बड़ा हादसा हुआ था. इस घटना में कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई थी. इसी घटना ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी. इसके बाद दिल्ली आबकारी विभाग ने सुरक्षा नियमों को और सख्त कर दिया है. विभाग का कहना है कि पार्टी के नाम पर लोगों की जान जोखिम में नहीं डाली जा सकती.
आबकारी विभाग ने क्या दिए सख्त निर्देश?
10 दिसंबर को जारी आदेश में आबकारी विभाग ने सभी होटल, क्लब और रेस्टोरेंट लाइसेंस धारकों को सख्त निर्देश दिए हैं. सभी प्रतिष्ठानों को फायर एनओसी हमेशा वैध रखना होगा. फायर सेफ्टी से जुड़े सभी उपकरण पूरी तरह काम करने की स्थिति में होने चाहिए.
आदेश में यह भी साफ किया गया है कि अगर किसी क्लब या रेस्टोरेंट में पटाखों का इस्तेमाल पाया गया तो दिल्ली एक्साइज एक्ट 2009 और नियम 2010 के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इसमें लाइसेंस सस्पेंड करने से लेकर रद्द करने तक का प्रावधान है.
प्रशासन ने क्यों दिया ये आदेश?
दिल्ली में इस नियम का असर बड़े स्तर पर पड़ेगा. शहर में करीब 950 क्लब, बार और रेस्टोरेंट आबकारी विभाग के साथ पंजीकृत हैं. इनमें से 90 वर्ग मीटर या उससे ज्यादा क्षेत्रफल वाले सभी प्रतिष्ठानों के लिए फायर एनओसी का समय पर नवीनीकरण कराना अनिवार्य है.
आबकारी विभाग ने साफ किया है कि किसी भी तरह का बहाना स्वीकार नहीं किया जाएगा. क्रिसमस और न्यू ईयर के दौरान विशेष निगरानी रखी जाएगी. नियमों का पालन न करने वालों पर तुरंत कार्रवाई होगी. प्रशासन का उद्देश्य साफ है कि जश्न सुरक्षित हो और कोई हादसा न हो.