वाराणसी में बाढ़ जैसे हालात, मणिकर्णिका समेत सभी 84 घाट डूबे

Published on: 16 Jul 2025 | Author: Sagar Bhardwaj
उत्तर भारत में लगातार बारिश के बीच गंगा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जिसके चलते उत्तर प्रदेश के कई जिलों, विशेष रूप से वाराणसी और प्रयागराज, में बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया है. गंगा के उफान ने वाराणसी में स्थिति को गंभीर बना दिया है, जहां सभी 84 घाट पूरी तरह जलमग्न हो चुके हैं.
वाराणसी में बाढ़ का खतरा
वाराणसी में गंगा नदी पूरे उफान पर है, और मणिकर्णिका घाट सहित सभी प्रमुख घाट पानी में डूब गए हैं. बढ़ते जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने ललितपुर में माताटीला बांध के 18 और गोविंद सागर बांध के 8 गेट खोल दिए हैं. अधिकारियों का कहना है कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है, और लोगों को नदी किनारे न जाने की सलाह दी गई है. वाराणसी में बाढ़ जैसे हालात ने स्थानीय निवासियों और तीर्थयात्रियों के लिए चुनौतियां बढ़ा दी हैं.
संभल में गंभीर स्थिति
संभल जिले में गंगा का जलस्तर 177.60 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से ऊपर है. इससे कम से कम 36 गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं, और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. स्थानीय निवासियों को नदी के किनारे से दूर रहने और सतर्कता बरतने की चेतावनी दी गई है.
प्रशासन की तैयारियां
प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए तत्पर हैं. बांधों के गेट खोलने के साथ-साथ, निचले इलाकों में राहत शिविर स्थापित किए जा रहे हैं. आपदा प्रबंधन टीमें प्रभावित क्षेत्रों में सक्रिय हैं, और नावों व अन्य संसाधनों के जरिए लोगों को सुरक्षित निकालने का काम जारी है.
चुनौतियां और समाधान
लगातार बारिश और गंगा के बढ़ते जलस्तर ने उत्तर प्रदेश में बाढ़ की आशंका को बढ़ा दिया है. विशेषज्ञों का कहना है कि जल प्रबंधन और समय पर कार्रवाई से नुकसान को कम किया जा सकता है. प्रशासन से अपील की जा रही है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित सहायता और पुनर्वास की व्यवस्था की जाए.