इजरायल के पीएम नेतन्याहू को झटका: प्रमुख सहयोगी ने छोड़ा साथ, संसद में अल्पमत में आई सरकार

Published on: 16 Jul 2025 | Author: Sagar Bhardwaj
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार बुधवार को संसद में अल्पमत में आ गई, जब एक प्रमुख सहयोगी दल ने गठबंधन छोड़ दिया. ब्लूमबर्ग और एपी की रिपोर्ट के अनुसार, अल्ट्रा-ऑर्थोडॉक्स पार्टी शास ने सैन्य सेवा से धार्मिक छूट को कम करने वाले प्रस्तावित कानून के विरोध में यह कदम उठाया.
शास का गठबंधन से अलग होना
शास, जिसके पास 11 संसद सदस्य हैं, ने कहा कि वह सरकार को गिराना नहीं चाहती. फिर भी, इसके सदस्यों के इस्तीफे से नेतन्याहू की सरकार के पास अब 120 सीटों वाली संसद में केवल 50 सीटें रह गई हैं, जो 61 सीटों के बहुमत से कम है. इससे पहले, एक अन्य अल्ट्रा-ऑर्थोडॉक्स पार्टी, यूनाइटेड टोरा जूडाइज्म पार्टी, ने भी इसी मुद्दे पर गठबंधन छोड़ दिया था. प्रस्तावित कानून अल्ट्रा-ऑर्थोडॉक्स यहूदी पुरुषों के लिए अनिवार्य सैन्य सेवा से छूट की शर्तों को कड़ा करता है, जो सभी इजरायलियों के लिए अन्यथा अनिवार्य है.
शास का रुख
शास ने स्पष्ट किया कि वह कुछ कानूनों पर सत्तारूढ़ गठबंधन के साथ मतदान कर सकती है. एपी के अनुसार, पार्टी ने कहा, "हम सरकार के पतन का समर्थन नहीं करेंगे और न ही गठबंधन को कमजोर करने के लिए काम करेंगे." इसका मतलब है कि दोनों दलों के बाहर होने के बावजूद तत्काल चुनाव की स्थिति नहीं बनेगी.
गाजा युद्ध पर प्रभाव
अल्पमत सरकार का नेतृत्व नेतन्याहू के लिए शासन को चुनौतीपूर्ण बना सकता है, लेकिन एपी की रिपोर्ट के अनुसार, यह गाजा में युद्धविराम वार्ता को पटरी से नहीं उतारेगा. इजरायल और हमास वर्तमान में अमेरिका समर्थित युद्धविराम प्रस्ताव पर बातचीत कर रहे हैं. हालांकि, नेतन्याहू पर अपने सुदूर दक्षिणपंथी सहयोगियों से दबाव बढ़ सकता है, जो हमास के अस्तित्व को बनाए रखते हुए युद्ध समाप्त करने का विरोध करते हैं.
भविष्य की चुनौतियां
नेतन्याहू की सरकार को अब न केवल आंतरिक राजनीतिक अस्थिरता का सामना करना पड़ेगा, बल्कि गाजा युद्ध और क्षेत्रीय तनावों के बीच नीतिगत फैसलों में भी जटिलताएं बढ़ेंगी. यह स्थिति इजरायल की राजनीति में नए बदलावों का संकेत देती है.