'भारत का खून बहाने के लिए नहीं है...,' ऑपरेशन सिंदूर के बाद PM मोदी के पाकिस्तान को संदेश पर बोले अमित शाह

Published on: 15 Jun 2025 | Author: Mayank Tiwari
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने रविवार (15 जून) को एक सार्वजनिक सभा को संबोधित किया. इस दौरान अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिन्दूर के माध्यम से आतंकी ठिकानों को नष्ट कर पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत का खून बहाना आसान नहीं है और जो ऐसा करने की हिम्मत करेगा, उसे सजा जरूर मिलेगी.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमित शाह 60,000 से अधिक नव-नियुक्त पुलिस कॉन्स्टेबलों को नियुक्ति पत्र सौंपने के समारोह में शामिल होने के लिए लखनऊ पहुंचे थे. इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नए रंगरूटों को नियुक्ति पत्र वितरित किए. शाह ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और कहा कि 2014 से पहले यूपीए शासन में देश भर में आतंकी हमले रोकने में वह नाकाम रही.
आतंकवाद के खिलाफ भारत का जवाब
अमित शाह ने कहा, "कांग्रेस के शासन में हर दिन आतंकी हमले होते थे अहमदाबाद, जयपुर, कोयंबटूर, दिल्ली, और कश्मीर की तो बात ही छोड़ दें. पीएम मोदी के शासन में पाकिस्तान ने तीन बार भारत पर हमले की कोशिश की. उरी में हमले का जवाब सर्जिकल स्ट्राइक से दिया गया, पुलवामा के बाद एयर स्ट्राइक की गई, और पहलगाम के बाद ऑपरेशन सिन्दूर से आतंकियों के मुख्यालय को ध्वस्त कर दिया गया. पीएम मोदी ने पूरे देश को संदेश दिया कि भारत का खून बहाने की हिम्मत करने वालों को सजा मिलेगी."
ऑपरेशन सिन्दूर और पहलगाम हमला
अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, इसके जवाब में 7 मई को ऑपरेशन सिन्दूर शुरू किया गया. इस ऑपरेशन में भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर लक्षित हमले किए, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों से जुड़े 100 से अधिक आतंकी मारे गए.
नक्सलवाद पर काबू
शाह ने 31 मार्च, 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने का वादा दोहराते हुए कहा, "पीएम मोदी के 11 साल के शासन में देश सुरक्षित हुआ है. पहले 11 राज्यों में नक्सलवाद फैला था, अब यह केवल तीन जिलों तक सिमट गया है. मेरे शब्दों को याद रखें: 31.3.2026 तक यह देश नक्सलवाद से मुक्त होगा." सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2014-2024 के बीच नक्सल हिंसा की घटनाओं में 53% की कमी आई है. 2004-2014 के बीच 16,463 नक्सल हिंसा की घटनाएं हुईं, जो 2014-2024 में घटकर 7,744 रह गईं.
नक्सल नेताओं का सफाया
हाल के महीनों में छत्तीसगढ़ और सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा बलों ने कई ऑपरेशन चलाए. 21 मई को बोतेर गांव के जंगलों में हुई मुठभेड़ में 27 नक्सली मारे गए. सीपीआई (माओवादी) के महासचिव बासवराजू उर्फ गगन्ना और केंद्रीय समिति के सदस्य गौतम (उर्फ सुधाकर) और भास्कर जैसे प्रमुख नक्सली नेताओं का सफाया किया गया. सुरक्षा अधिकारियों का कहना है कि नक्सल हिंसा में कमी "तेजी से चलाए गए आतंकवाद-रोधी अभियानों और रणनीतिक नीतियों की सफलता" को दर्शाती है.