UPI ट्रांजैक्शन ने जुलाई में तोड़ डाले सारे रिकॉर्ड, लोगों ने 19.47 अरब का किया डिजिटल भुगतान

Published on: 01 Aug 2025 | Author: Garima Singh
UPI transactions: नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने हाल ही में जारी आंकड़ों में बताया कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने जुलाई महिने में 19.47 अरब लेनदेन का नया कीर्तिमान बनाया. यह आंकड़ा डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में भारत की बढ़ती ताकत को दर्शाता है. मूल्य के आधार पर, इस महीने कुल 25.08 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन हुए, जो मई 2025 के 25.14 लाख करोड़ रुपये के बाद दूसरा उच्च स्तर है.
जुलाई में दर्ज की गई लेनदेन की मात्रा ने मई 2025 के 18.67 अरब और जून 2025 के 18.39 अरब के आंकड़ों को पीछे छोड़ दिया. जून में लेनदेन का मूल्य 24.03 लाख करोड़ रुपये था, जबकि जुलाई में यह 4.3% की मासिक वृद्धि के साथ 25.08 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया. सालाना आधार पर, जुलाई 2024 के 20.64 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 21% की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई.
वैश्विक स्तर पर यूपीआई का दबदबा
आज भारत में होने वाले 85% डिजिटल लेनदेन यूपीआई के माध्यम से हो रहे हैं. वैश्विक स्तर पर, यह लगभग 50% रीयल-टाइम डिजिटल भुगतानों का हिस्सा है. यूपीआई की पहुंच अब सात देशों संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस और मॉरीशस तक फैल चुकी है. फ्रांस में यूपीआई की शुरुआत यूरोप में इसकी पहली उपलब्धि है, जिससे भारतीय पर्यटकों और प्रवासियों को विदेशी लेनदेन में सहूलियत मिल रही है.
एनपीसीआई की नई पहल
एनपीसीआई ने सिस्टम की विश्वसनीयता बढ़ाने और असफल लेनदेन को कम करने के लिए नई नीतियां लागू की हैं. अब यूजर्स किसी भी यूपीआई ऐप के माध्यम से प्रति दिन 50 बार तक अपने खाते का बैलेंस चेक कर सकते हैं. पहले इसकी कोई सीमा नहीं थी. इसके अलावा, ‘लिस्ट अकाउंट’ API के तहत लिंक किए गए बैंक खातों को देखने की सुविधा को प्रति यूजर्स, प्रति ऐप, प्रति दिन 25 अनुरोधों तक सीमित किया गया है. सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए, 12 महीने से निष्क्रिय यूपीआई आईडी को अपनेआप निष्क्रिय कर दिया जाएगा. साथ ही, नए बैंक खातों को जोड़ने के लिए उन्नत सत्यापन प्रक्रिया लागू की गई है.
डिजिटल इकॉनमी की ओर कदम
यूपीआई न केवल भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को सशक्त बना रहा है, बल्कि यह छोटे व्यवसायियों और ग्रामीण यूजर्स को भी मुख्यधारा से जोड़ रहा है. एनपीसीआई, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और भारतीय बैंक संघ (आईबीए) की संयुक्त पहल के रूप में, यूपीआई भारत में रीयल-टाइम भुगतान का पर्याय बन चुका है.