IRCTC ने ब्लॉक किए 3.03 करोड़ फर्जी यूजर अकाउंट, महंगे दामों में टिकट ब्लैक करने का करते थे गोरखधंधा
Published on: 14 Dec 2025 | Author: Sagar Bhardwaj
अगर आपने हाल के दिनों में आईआरसीटीसी ऐप खोला है, तो शायद ‘वेटिंग लिस्ट’ और ‘सोल्ड आउट’ के अलावा कुछ नजर नहीं आया होगा. इसकी बड़ी वजह थे वे लाखों फर्जी अकाउंट, जो बॉट्स के जरिए सेकेंडों में टिकट बुक कर लेते थे. अब भारतीय रेलवे ने इस समस्या पर करारा प्रहार किया है. आइडेंटिटी वेरिफिकेशन अभियान के तहत करोड़ों फर्जी आईडी हटाई गई हैं, जिससे टिकट बुकिंग सिस्टम में बड़ा बदलाव दिख रहा है.
3.03 करोड़ संदिग्ध यूजर
डिएक्टिव किए गए 3.03 करोड़ संदिग्ध यूजर दरअसल फर्जी यूजर आईडी थीं, जिन्हें बॉट्स और टिकट दलाल कंट्रोल करते थे. त्योहार या छुट्टियों का सीजन आते ही ये अकाउंट्स एक साथ सक्रिय हो जाते थे और कुछ ही सेकेंड में ज्यादातर टिकट बुक कर लेते थे. बाद में वही टिकट महंगे दामों पर ब्लैक में बेचे जाते थे.
रेलवे का बड़ा एक्शन
टिकट बुकिंग को पारदर्शी बनाने के लिए रेलवे ने आइडेंटिटी वेरिफिकेशन का सख्त सिस्टम लागू किया. इस प्रक्रिया में 3.03 करोड़ से ज्यादा फर्जी अकाउंट्स की पहचान कर उन्हें पूरी तरह डीएक्टिवेट कर दिया गया. रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह अब तक की सबसे बड़ी डिजिटल कार्रवाई मानी जा रही है.
2.70 करोड़ आईडी सस्पेंड
रेलवे की जांच में 2.70 करोड़ ऐसी यूजर आईडी भी सामने आईं, जिनकी पहचान संदिग्ध पाई गई. इन अकाउंट्स को फिलहाल अस्थायी रूप से सस्पेंड किया गया है. रेलवे का कहना है कि सत्यापन पूरा होने के बाद ही इन्हें दोबारा सक्रिय किया जाएगा, ताकि सिस्टम में दोबारा गड़बड़ी न हो.
बुकिंग सिस्टम में दिखा असर
इस अभियान का सीधा असर आईआरसीटीसी प्लेटफॉर्म पर दिखने लगा है. पहले रोज करीब एक लाख नई यूजर आईडी बनती थीं, जिनमें बड़ी संख्या फर्जी होती थी. अब यह संख्या घटकर लगभग पांच हजार रह गई है, जिससे सिस्टम पर दबाव कम हुआ है.
यात्रियों के लिए जरूरी सलाह
रेलवे अब टिकटिंग सिस्टम को और मजबूत करने की तैयारी में है. यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे अपनी आईआरसीटीसी आईडी का सत्यापन समय रहते पूरा कर लें. बिना वेरिफिकेशन के टिकट बुक करने में दिक्कत आ सकती है. यह कदम दलालों पर लगाम लगाने और आम यात्रियों को राहत देने के लिए अहम माना जा रहा है.