भारत के आकाश मिसाइल सिस्टम पर ब्राजील की नजर, ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान में मचाई थी तबाही

Published on: 03 Jul 2025 | Author: Sagar Bhardwaj
भारत की रक्षा निर्यात महत्वाकांक्षाओं को मजबूती देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, ब्राजील ने भारत के आकाश एयर डिफेंस सिस्टम में गहरी रुचि दिखाई है. इस प्रणाली ने मई में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइल हमलों को नाकाम कर अपनी प्रभावशीलता सिद्ध की थी.
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हो उठ सकता है मुद्दा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 5 जुलाई से 8 जुलाई तक ब्राजील में होने वाली 17वीं ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की यात्रा के दौरान यह मुद्दा चर्चा का केंद्र रहेगा. मोदी इस दौरान अर्जेंटीना सहित अन्य लैटिन अमेरिकी देशों का भी दौरा करेंगे.
रक्षा सहयोग पर जोर
विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्व) पी. कुमारन ने 2 जुलाई को एक प्रेस वार्ता में बताया, “रक्षा सहयोग, संयुक्त अनुसंधान और प्रशिक्षण के अवसरों पर चर्चा होगी.” उन्होंने आगे कहा, “ब्राजील सरकार युद्धक्षेत्र में सुरक्षित संचार प्रणालियों, ऑफशोर गश्ती जहाजों, स्कॉर्पीन-श्रेणी की पनडुब्बियों के रखरखाव, आकाश वायु रक्षा प्रणाली, तटीय निगरानी प्रणाली और गरुड़ तोपों में रुचि रखती है.” कुमारन ने ब्राजील की एयरोस्पेस कंपनी एम्ब्रेयर के साथ संयुक्त उद्यम की संभावना भी जताई.
ऑपरेशन सिंदूर में आकाश की शक्ति
भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित आकाश मिसाइल प्रणाली ने ऑपरेशन सिंदूर में अपनी ताकत दिखाई. जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में आतंकी ठिकानों पर सैन्य कार्रवाई की. जवाब में पाकिस्तान ने चीन और तुर्की निर्मित ड्रोन और मिसाइलों से श्रीनगर से लेकर गुजरात के भुज तक हमले किए, जिन्हें भारत की बहुस्तरीय वायु रक्षा प्रणाली ने नाकाम कर दिया. 25 किमी की रेंज वाली आकाश प्रणाली, जो AI-आधारित आकाशतीर और एकीकृत काउंटर-यूएएस ग्रिड (IACCS) का हिस्सा है, ने 100% सटीकता के साथ सभी खतरों को नष्ट किया.
वैश्विक स्तर पर भारत की साख
आकाश की तेज प्रतिक्रिया और IACCS के साथ एकीकरण ने भारत की महत्वपूर्ण अवसंरचनाओं की रक्षा की. ब्राजील की इस प्रणाली में रुचि, जिसमें सह-उत्पादन की संभावना भी शामिल है, भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता और वैश्विक विश्वसनीयता को दर्शाती है.