Operation Sindoor: 'ऑपरेशन सिंदूर' के ट्रेडमार्क पर रिलायंस की सफाई, वापस लिया रजिस्ट्रेशन का आवेदन

Published on: 08 May 2025 | Author: Mayank Tiwari
भारत के सबसे बड़े उद्योगपतियों में से एक मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ट्रेडमार्क खरीदने की खबरों से साफ इनकार कर दिया है. कंपनी ने इसे राष्ट्रीय चेतना का हिस्सा और भारतीय सशस्त्र बलों की बहादुरी का प्रतीक बताया.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस ने अपने बयान में कहा, “रिलायंस आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सरकार और सशस्त्र बलों के साथ है. ‘इंडिया फर्स्ट’ के नारे के प्रति हमारी प्रतिबद्धता हमेशा बनी रहेगी.” कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि ट्रेडमार्क के लिए आवेदन एक जूनियर कर्मचारी की गलती के कारण हुआ था, जिसे कंपनी द्वारा वापस ले लिया गया है.
Reliance Industries has no intention of trademarking Operation Sindoor, a phrase which is now a part of the national consciousness as an evocative symbol of Indian bravery. Jio Studios, a unit of Reliance Industries, has withdrawn its trademark application, which was filed… pic.twitter.com/Nxwic58pf7
— ANI (@ANI) May 8, 2025
‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर गर्व
रिलायंस ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को भारत के गौरवशाली इतिहास का हिस्सा बताया. यह ऑपरेशन पहलगाम में पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवादी हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा किया गया था. कंपनी ने अपने बयान में कहा, “रिलायंस इंडस्ट्रीज और इसके सभी लोग ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बहुत गर्व करते हैं. यह ऑपरेशन आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में एक ऐतिहासिक क्षण है.” रिलायंस ने जोर देकर कहा कि वह इस ऑपरेशन को व्यावसायिक उपयोग के लिए नहीं, बल्कि राष्ट्रीय गौरव के रूप में देखती है.
जानिए क्या है ट्रेडमार्क आवेदन का विवाद?
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, बीते 7 मई 2025 को सुबह 10:42 बजे से शाम 6:27 बजे के बीच ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए 4 ट्रेडमार्क की एप्लीकेशन दी गई. जिसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुकेश चेतराम अग्रवाल, इंडियन एयरफोर्स के रिटायर्ड ग्रुप कैप्टन कमल सिंह ओबरह, और दिल्ली के नामी एडवोकेट आलोक कोठारी शामिल हैं.
बताय जा रहा है कि ये सभी आवेदन Nice Classification के Class 41 के तहत हैं, जो शिक्षा, मनोरंजन, मीडिया, और सांस्कृतिक सेवाओं से जुड़े हुए है. रिलायंस ने सबसे पहले सुबह 10:42 बजे आवेदन दाखिल किया था, फिलहाल, विवाद बढ़ते देख इसे अब वापस ले लिया गया है.