'टैरिफ के जरिए व्यापार को हथियार बनाया जा रहा है, भारत को सावधान रहना होगा', वित्त मंत्री ने ट्रंप को दिया कड़ा संदेश
Published on: 17 Dec 2025 | Author: Sagar Bhardwaj
वैश्विक व्यापार व्यवस्था तेजी से बदल रही है और टैरिफ अब केवल आर्थिक साधन नहीं रह गए हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार को रणनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है. अमेरिका और मेक्सिको जैसे देशों के हालिया फैसलों के बीच उन्होंने संकेत दिया कि भारत को अपने आर्थिक हितों की रक्षा करते हुए समझदारी से बातचीत करनी होगी.
टैरिफ अब नीति नहीं हथियार
एक कार्यक्रम में बोलते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि टैरिफ और अन्य उपायों के जरिए वैश्विक व्यापार को “हथियार” बनाया जा रहा है. उन्होंने स्पष्ट किया कि मौजूदा माहौल में भारत को केवल शुल्क संरचना ही नहीं, बल्कि अपनी समग्र आर्थिक मजबूती के आधार पर फैसले लेने होंगे. उनके अनुसार, यही मजबूती भारत को बातचीत में अतिरिक्त बढ़त देगी.
अमेरिका और मेक्सिको के फैसलों का असर
सीतारमण की टिप्पणी ऐसे समय आई है जब अमेरिका ने भारत पर पहले व्यापार घाटे का हवाला देते हुए 25 प्रतिशत शुल्क लगाया था. इसके बाद रूस से कच्चा तेल खरीदने को लेकर अतिरिक्त 25 प्रतिशत दंडात्मक शुल्क जोड़ा गया. इसी क्रम में मेक्सिको ने भी भारत सहित कई देशों से आयात पर भारी टैरिफ बढ़ाने की घोषणा की है.
भारत पर दोहरे मापदंड का आरोप
वित्त मंत्री ने कहा कि भारत को अक्सर 'इनवर्ड लुकिंग' और 'टैरिफ किंग' कहकर आलोचना की जाती है. लेकिन वास्तविकता यह है कि आज कई देश खुले तौर पर टैरिफ बढ़ा रहे हैं और उन पर कोई सवाल नहीं उठता. उन्होंने इसे वैश्विक व्यापार में उभरता दोहरा मापदंड बताया.
घरेलू उद्योगों की सुरक्षा का तर्क
सीतारमण ने स्पष्ट किया कि भारत का इरादा कभी टैरिफ को हथियार बनाने का नहीं रहा. उन्होंने कहा कि देश ने केवल अपने घरेलू उद्योगों को अनुचित प्रतिस्पर्धा से बचाने के लिए कदम उठाए. उनके अनुसार, कुछ देशों से होने वाली आक्रामक आपूर्ति घरेलू बाजार को नुकसान पहुंचा सकती है.
मेक्सिको से बातचीत की पहल
मेक्सिको ने 2026 से मुक्त व्यापार समझौता न रखने वाले देशों पर 50 प्रतिशत तक टैरिफ बढ़ाने का फैसला किया है. इससे भारत पर भी असर पड़ सकता है. वित्त मंत्री ने बताया कि भारत ने पहले ही मेक्सिको के साथ बातचीत शुरू कर दी है, ताकि इन शुल्कों के प्रभाव को कम किया जा सके.