NEET PG 2025: सुप्रीम कोर्ट में दो पालियों में परीक्षा आयोजन को चुनौती, पारदर्शिता को लेकर सवाल

Published on: 05 May 2025 | Author: Gyanendra Sharma
सुप्रीम कोर्ट ने यूनाईटेड डॉक्टर्स फ्रंट (यूडीएफ) द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए भारत सरकार, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) और राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) को नोटिस जारी किया है. इस याचिका में नीट पीजी 2025 परीक्षा को दो अलग-अलग पालियों में आयोजित करने के निर्णय को चुनौती दी गई है. मामले की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट की पीठ, जिसकी अध्यक्षता न्यायमूर्ति बीआर गवई कर रहे हैं, ने अगले सप्ताह की तारीख निर्धारित की है.
यूडीएफ की याचिका में मांग की गई है कि नीट पीजी 2025 परीक्षा को एक ही पाली में आयोजित किया जाए, ताकि परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता, कठिनाई स्तरों में एकरूपता और मूल्यांकन के समान मानकों को सुनिश्चित किया जा सके. याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि दो पालियों में परीक्षा आयोजित करने से प्रश्नपत्रों के कठिनाई स्तर में अंतर हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप उम्मीदवारों के बीच असमानता उत्पन्न हो सकती है. इसके अलावा, दो पालियों में आयोजन से मूल्यांकन प्रक्रिया में भी एकरूपता की कमी की आशंका जताई गई है.
नीट पीजी परीक्षा चिकित्सा क्षेत्र में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है और यह देश भर के लाखों मेडिकल छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. इस परीक्षा का आयोजन राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड द्वारा किया जाता है. पिछले कुछ वर्षों में नीट पीजी परीक्षा के आयोजन और परिणामों को लेकर कई विवाद सामने आए हैं, जिनमें पेपर लीक, तकनीकी खामियां और परिणामों में देरी जैसे मुद्दे शामिल हैं. इस बार दो पालियों में परीक्षा आयोजित करने के फैसले ने भी कई सवाल खड़े किए हैं.
याचिका में यह भी उल्लेख किया गया है कि एक पाली में परीक्षा आयोजित करने से न केवल प्रक्रिया को और अधिक निष्पक्ष बनाया जा सकता है, बल्कि तकनीकी और प्रशासनिक जटिलताओं को भी कम किया जा सकता है. यूडीएफ का कहना है कि एकल पाली में परीक्षा आयोजित करने से सभी उम्मीदवारों को समान अवसर मिलेगा और परिणामों की विश्वसनीयता बढ़ेगी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए संबंधित पक्षों से जवाब मांगा है. अगले सप्ताह होने वाली सुनवाई में यह तय होगा कि क्या नीट पीजी 2025 परीक्षा का आयोजन एक पाली में किया जाएगा या मौजूदा दो पालियों की व्यवस्था बरकरार रहेगी.