Indias Highest Paid Actor: जब इस कॉमेडियन ने बॉलीवुड एक्टर्स के छुटाए थे पसीने, अमिताभ बच्चन से भी ज्यादा लेते थे कैमियो के लिए फीस

Published on: 25 Apr 2025 | Author: Babli Rautela
Indias Highest Paid Actor: 60 और 70 के दशक में, जब बॉलीवुड में सुपरस्टार की चमक अपने चरम पर थी, तब कुछ कॉमेडियन थे जिन्होंने न केवल दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बनाई, बल्कि भारत के सबसे ज्यादा फीस लेने वाले एक्टर भी थे. दिलचस्प बात यह है कि ये कॉमेडियन उस समय के बड़े सुपरस्टार्स—जैसे अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना से भी ज्यादा फीस लेते थे. यह वो समय था जब बॉलीवुड के दर्शक कॉमेडी के रंगों में रंगे हुआ करते थे और कॉमेडियन केवल हंसी-ठहाकों के लिए ही नहीं, बल्कि बॉक्स ऑफिस पर भी धमाल मचा रहे थे.
अगर हम उस दौर की बात करें, तो एक नाम जो सबसे पहले सामने आता है, वह है महमूद. महमूद ने 1940 के दशक में बाल कलाकार के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी, लेकिन 1950 के दशक में उन्हें एक कॉमिक एक्टर के रूप में पहचान मिली. उन्होंने फिल्मों जैसे सीआईडी और प्यासा में सहायक रोल निभाया.
1960 के दशक में महमूद का जलवा
महमूद ने 1960 के दशक के आखिर में कई सुपरहिट फिल्मों का नेतृत्व किया. पड़ोसन, भूत बंगला, जौहर महमूद इन हांगकांग और बॉम्बे टू गोवा जैसी फिल्मों में उनकी भूमिकाएं यादगार रही. इन फिल्मों के साथ ही उन्होंने कॉमेडी के क्षेत्र में अपनी बादशाहत को और भी पुख्ता किया. यह वह दौर था जब महमूद भारत के सबसे ज्यादा पैसे पाने वाले अभिनेता बन गए थे.
महमूद की स्टारडम का आलम यह था कि वह सिर्फ दो हफ्ते के कैमियो के लिए 7.5 लाख रुपये चार्ज करते थे. यह उस समय की बात है जब सुनील दत्त, धर्मेंद्र, शम्मी कपूर और राजेंद्र कुमार जैसे एक्टर पूरे फिल्म के लिए 5 लाख रुपये से भी कम चार्ज करते थे. और तो और, राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन जैसे सुपरस्टार्स भी 70 के दशक के मध्य तक 7.5 लाख रुपये का आंकड़ा पार नहीं कर पाए थे.
इस दौर में महमूद का नाम ही इतना बड़ा था कि उनके कैमियो फीस की तुलना सलमान खान और आमिर खान जैसे एक्टर भी नहीं कर सकते थे, जो तब अपनी पहली फिल्मों के लिए काफी कम फीस लेते थे.
महमूद के बाद का दौर
80 के दशक में महमूद का फिल्मी करियर थोड़ा धीमा पड़ गया, लेकिन उन्होंने कुछ खास फिल्मों में कैमियो किया, जैसे कि अंदाज अपना अपना और गुड्डू. उन्होंने 1996 में अपनी आखिरी फिल्म दुश्मन दुनिया का का निर्देशन किया. इसके बाद, 1998 में महमूद ने घर बाज़ार में अपनी आखिरी ऑनस्क्रीन भूमिका अदा की. महमूद का 2004 में मुंबई में निधन हो गया, और इसके साथ ही एक शानदार युग का अंत हो गया.