Payal Gaming Video: 1 मिनट 20 सेकंड का वायरल MMS वीडियो सच में पायल गेमिंग का है? खुद उगला सच
Published on: 18 Dec 2025 | Author: Babli Rautela
भारत की जानी मानी गेमिंग इंफ्लुएंसर पायल गेमिंग इन दिनों सोशल मीडिया पर एक गंभीर विवाद को लेकर सुर्खियों में हैं. हाल ही में इंटरनेट पर एक एमएमएस वीडियो वायरल हुआ, जिसके साथ गलत तरीके से पायल का नाम जोड़ा जाने लगा. वीडियो में एक महिला को एक पुरुष के साथ निजी पलों में दिखाया गया है. बिना किसी पुष्टि के कई यूजर्स ने यह दावा करना शुरू कर दिया कि वीडियो में दिख रही महिला पायल ही हैं.
इस विवाद के बीच बुधवार 17 दिसंबर को पायल ने सोशल मीडिया पर एक लंबा बयान जारी किया. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि वायरल वीडियो में दिख रही महिला वे नहीं हैं. पायल ने बताया कि उनके नाम और पहचान का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है और इसके खिलाफ कानूनी कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें कभी उम्मीद नहीं थी कि उन्हें इतनी निजी और पीड़ादायक बात पर सार्वजनिक रूप से बोलना पड़ेगा.
वायरल एमएमएस कांड पर पायल ने तोड़ी चुप्पी
पायल ने अपने बयान में कहा कि पिछले कुछ दिनों से ऐसा कंटेंट फैलाया जा रहा है, जिसमें उनके नाम और तस्वीर को गलत तरीके से उस वीडियो से जोड़ा जा रहा है. उन्होंने पूरी स्पष्टता के साथ कहा कि उस वीडियो में दिख रही महिला वह नहीं हैं और न ही उसका उनके जीवन, उनकी पसंद या उनकी पहचान से कोई लेना देना है. उन्होंने लोगों से अपील की कि अफवाहों पर भरोसा न करें और सच्चाई को समझें.
पायल ने कहा कि वह आमतौर पर नकारात्मकता के सामने चुप रहना पसंद करती हैं. लेकिन इस बार चुप्पी तोड़ना जरूरी था. उन्होंने इसे सिर्फ अफवाह नहीं बल्कि महिलाओं के खिलाफ होने वाला अमानवीय व्यवहार बताया. उनका कहना था कि यह मामला सिर्फ उनके लिए नहीं बल्कि उन सभी महिलाओं के लिए आवाज उठाने का है, जो ऑनलाइन चरित्र हनन और मानसिक उत्पीड़न का शिकार होती हैं.
मीडिया और यूजर्स से अपील
25 साल की पायल ने मीडिया और सोशल मीडिया यूजर्स से अपील की कि वे इस वीडियो को किसी भी रूप में शेयर न करें और न ही उस पर अटकलें लगाएं. उन्होंने साफ कहा कि उनके नाम और समानता के दुरुपयोग को रोकने के लिए कानून के तहत जरूरी कार्रवाई की जा रही है.
अपने बयान के अंत में पायल ने उन सभी लोगों का आभार जताया, जिन्होंने इस मुश्किल समय में उन्हें समर्थन और समझ दी. उन्होंने कहा कि लोगों का भरोसा और सहानुभूति उनके लिए सबसे बड़ी ताकत बनी है. यह मामला एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि सोशल मीडिया पर बिना पुष्टि किसी का नाम जोड़ देना कितना नुकसानदेह हो सकता है.