'मुझे नहीं पता भाई कहां है', अहमदाबाद विमान हादसे में जीवित बचे विश्वास कुमार ने पिता से फोन पर क्या-क्या कहा?
Published on: 14 Jun 2025 | Author: Garima Singh
Air India Plane Crash Survivor: गुजरात के अहमदाबाद में गुरुवार को एक दुखद विमानन हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया. एयर इंडिया का एक विमान मेघानी नगर के पास एक आवासीय इमारत से टकरा गया, जिसके परिणामस्वरूप 242 यात्रियों में से 241 की मौत हो गई. इस भयावह दुर्घटना में केवल एक व्यक्ति, विश्वास कुमार रमेश, चमत्कारिक रूप से जीवित बच गया. यह हादसा भारत के इतिहास में सबसे भयानक विमानन त्रासदियों में से एक के रूप में दर्ज हो गया है.
विमान की सीट 11A पर बैठे विश्वाश कुमार रमेश ने हादसे के बाद की दर्दनाक यादों को साझा किया. उन्होंने बताया, "जब मैंने अपनी आंखें खोलीं, तो मेरे चारों ओर आग की लपटें, जले हुए शव, और मलबा था. मुझे विश्वास ही नहीं हुआ कि मैं जीवित हूं." रमेश अपने भाई के साथ यात्रा कर रहे थे, जो इस त्रासदी में मारे गए 241 लोगों में से एक थे. रमेश ने बताया कि उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद विमान में कुछ गड़बड़ महसूस हुई. "विमान ने गति तो पकड़ी, लेकिन ऊंचाई हासिल नहीं कर सका. अचानक हरी और सफेद लाइटें चमकने लगीं, और फिर विमान एक मेडिकल कॉलेज के छात्रावास से जा टकरा गया.
दुर्घटना में विश्वाश के भाई की हुई मौत
हादसे के बाद विश्वास ने अपने चचेरे भाई अजय वल्गी को फोन किया, जो इंग्लैंड के लीसेस्टर में रहते हैं. अजय ने बीबीसी को बताया, "विश्वास ने सिर्फ इतना कहा कि वह ठीक है." उन्होंने आगे कहा कि विश्वाश की पत्नी और उनका छोटा बेटा घर पर है. परिवार इस बात से राहत महसूस कर रहा है कि विश्वाश सुरक्षित हैं, लेकिन उनके भाई की मौत ने सभी को गहरे सदमे में डाल दिया है.
विश्वास ने बताया, "जब विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ, तो मैंने अपने पिता को वीडियो कॉल किया और कहा, 'विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया है. मुझे नहीं पता कि मेरा भाई कहाँ है. मुझे कोई अन्य यात्री दिखाई नहीं दे रहा. मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं कैसे जीवित हूं.
प्रधानमंत्री मोदी का दौरा
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को दुर्घटना स्थल का दौरा किया और अस्पताल में विश्वास से मुलाकात की. अस्पताल के बिस्तर पर लेटे विश्वाश ने कहा, "मैंने प्रधानमंत्री मोदी को बताया कि मैंने क्या-क्या देखा. उन्होंने मेरे स्वास्थ्य के बारे में भी पूछा.
अविश्वसनीय जीवित रहने की कहानी
मेघानी नगर के पास हुए इस हादसे को याद करते हुए विश्वास ने कहा, "मुझे यकीन नहीं हो रहा कि मैं कैसे ज़िंदा बच गया. एक पल के लिए मुझे लगा कि मैं भी मरने वाला हूं. लेकिन जब मैंने अपनी आंखें खोलीं और चारों ओर देखा, तो मुझे एहसास हुआ कि मैं ज़िंदा हूं."