'ज्यादातर भारतीय अब ‘वोकल फॉर लोकल’...', तुर्की बॉयकॉट पर बोली पीएम मोदी
Published on: 25 May 2025 | Author: Mayank Tiwari
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (25 मई) को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम "मन की बात" में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद कई परिवारों ने 'वोकल फॉर लोकल' अभियान को अपनाते हुए भारत में छुट्टियां बिताने का संकल्प लिया है. उन्होंने देश में इस अभियान के प्रति नई ऊर्जा को रेखांकित किया. "इस अभियान के बाद, पूरे देश में 'वोकल फॉर लोकल' के प्रति एक नई ऊर्जा दिखाई दे रही है. कई बातें दिल को छूती हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने कहा कि एक अभिभावक ने कहा, 'हम अब अपने बच्चों के लिए केवल भारत में बने खिलौने खरीदेंगे. देशभक्ति बचपन से शुरू होगी.' कुछ परिवारों ने संकल्प लिया है, 'हम अपनी अगली छुट्टियां देश के किसी खूबसूरत स्थान पर बिताएंगे. कई युवाओं ने 'वेड इन इंडिया' का संकल्प लिया है... कि वे भारत में ही शादी करेंगे. उन्होंने आगे कहा, "किसी ने यह भी कहा, 'अब हम जो भी उपहार देंगे, वह भारतीय कारीगरों द्वारा बनाया जाएगा.
तुर्की और अजरबैजान की यात्रा पर भारतीयों का बहिष्कार
वहीं, प्रधानमंत्री की टिप्पणी ऐसे समय आई है जब खबरें हैं कि ऑपरेशन सिंदूर को लेकर तुर्की और अजरबैजान द्वारा पाकिस्तान के प्रति सार्वजनिक समर्थन से नाराज भारतीय यात्रियों ने इन देशों की यात्रा से बचने का फैसला किया है. भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष के दौरान पाकिस्तान ने तुर्की निर्मित ड्रोनों का बड़े पैमाने पर उपयोग किया था.
वीजा प्रोसेसिंग प्लेटफॉर्म एटलिस ने इस सप्ताह बताया कि भारतीय यात्रियों ने तुर्की और अजरबैजान की यात्रा से परहेज करने का त्वरित निर्णय लिया. एटलिस के अनुसार, 20 मई को केवल 36 घंटों में 60 प्रतिशत उपयोगकर्ताओं ने वीजा आवेदन प्रक्रिया को बीच में ही छोड़ दिया.
तुर्की और अजरबैजान के लिए सभी मार्केटिंग प्रयासों को रोका
एटलिस के संस्थापक और सीईओ मोहक नाहटा ने पीटीआई को बताया, "प्रतिक्रिया बिखरी हुई नहीं थी, यह तीव्र और व्यवहारिक थी. लोगों को कुछ गंतव्यों से बचने के लिए कहने की जरूरत नहीं पड़ी. वे स्वाभाविक रूप से, सूचना और विकल्पों के आधार पर आगे बढ़ गए." उन्होंने कहा, "यही आधुनिक यात्रा की विशेषता है. यह भावनात्मक रूप से बुद्धिमान, लॉजिस्टिक रूप से चुस्त और ऐसे प्लेटफॉर्म्स द्वारा समर्थित है जो लोगों को तेजी से कामर्य करने में सक्षम बनाते हैं. इसी भावना के साथ, हमने तुर्की और अजरबैजान के लिए सभी मार्केटिंग प्रयासों को रोक दिया.
शैक्षिक संस्थानों का कड़ा रुख
तुर्की के साथ "वर्तमान भू-राजनीतिक स्थिति" का हवाला देते हुए, आईआईटी बॉम्बे सहित कई शैक्षिक संस्थानों ने तुर्की विश्वविद्यालयों के साथ अपने समझौतों को निलंबित कर दिया.