दिल्ली पुलिस ने बांग्ला को कहा 'बांग्लादेशी भाषा', टीएमसी भड़की, CM ममता के भतीजे अभिषेक बनर्जी बोले- 'माफी मांगें शाह'

Published on: 03 Aug 2025 | Author: Km Jaya
वरिष्ठ तृणमूल कांग्रेस नेता अभिषेक बनर्जी ने रविवार को बीजेपी पर तीखा हमला बोला, जब दिल्ली पुलिस के एक पत्र में बंगाली को “बांग्लादेशी भाषा” कहा गया. उन्होंने इसे केंद्र सरकार की सुनियोजित साजिश और बंगाली भाषा की पहचान छीनने की कोशिश करार दिया. बनर्जी ने इसे बंगाली भाषी लोगों पर “हैरान करने वाला हमला” बताते हुए बीजेपी नीत केंद्र सरकार पर पश्चिम बंगाल को बदनाम करने और उसकी सांस्कृतिक पहचान मिटाने का आरोप लगाया.
यह बीजेपी की सुनियोजित कोशिश
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बनर्जी ने लिखा, “यह कोई छोटी-मोटी गलती नहीं है. यह बीजेपी की एक और सुनियोजित कोशिश है, जिसका मकसद बंगाल को बदनाम करना, हमारी सांस्कृतिक पहचान को कमजोर करना और संकीर्ण राजनीतिक प्रचार के लिए पश्चिम बंगाल को बांग्लादेश के साथ जोड़ना है.” उन्होंने बंगाली को विदेशी भाषा कहे जाने को संविधान के अनुच्छेद 343 और आठवीं अनुसूची का “सीधा उल्लंघन” बताया, जो बंगला को भारत की आधिकारिक भाषाओं में से एक मान्यता देता है.
बनर्जी ने कहा, “कोई ‘बांग्लादेशी भाषा’ नहीं होती. बंगला को विदेशी भाषा कहना केवल अपमान नहीं, बल्कि हमारी पहचान, संस्कृति और अपनेपन पर हमला है. बंगाली अपने ही देश में बाहरी नहीं हैं.”
बीजेपी पर बंगाल विरोधी होने का आरोप
बनर्जी ने आरोप लगाया कि बीजेपी शासित राज्यों में बंगाली भाषी नागरिकों को “लगातार निशाना बनाया, परेशान किया और हिरासत में लिया” जा रहा है. उन्होंने बीजेपी को “बंगला विरोधी” और “जमींदार” करार देते हुए कहा कि यह घटना सांस्कृतिक विविधता का अपमान करने वाली विभाजनकारी राजनीति का हिस्सा है. उन्होंने कहा, “बंगला और बंगाली भारतीय हैं. बंगला हमारा गर्व है. हम अपनी पहचान को कुचलने नहीं देंगे.”
अमित शाह से की माफी की मांग
बनर्जी ने पत्र में उल्लिखित जांच अधिकारी, इंस्पेक्टर अमित दत्त के तत्काल निलंबन और दिल्ली पुलिस, बीजेपी, और केंद्रीय गृह मंत्रालय से औपचारिक माफी की मांग की. तृणमूल ने एक्स पर पत्र की प्रति साझा करते हुए लिखा, “बीजेपी की बंगालियों के प्रति नफरत की कोई सीमा नहीं? बंगाली भाषी मजदूरों को परेशान करने के बाद, अमित शाह की दिल्ली पुलिस ने हमारी मातृभाषा बंगला को ‘बांग्लादेशी भाषा’ कहकर सारी हदें पार कर दीं.”