Nainital school holiday: उत्तराखंड के कई जिलों में भारी बारिश का 'रेड अलर्ट', सोमवार को नैनीताल में सभी स्कूल रहेंगे बंद

Published on: 03 Aug 2025 | Author: Garima Singh
Nainital heavy rain: उत्तराखंड के नैनीताल में पिछले 24 घंटों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है. कई इलाकों में सड़कें बंद हो गई हैं, और जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है. भारी बारिश के चलते नदी-नालों में तेज बहाव देखा जा रहा है, जिससे लैंडस्लाइड का खतरा भी बढ़ गया है. प्राकृतिक आपदा को देखते हुए जिला प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सोमवार 4 अगस्त को जिले के सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में छुट्टी कर दी है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने 4 अगस्त को नैनीताल सहित उत्तराखंड के कई हिस्सों में भारी से अत्यंत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. विभाग ने “रेड अलर्ट” जारी करते हुए लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है. मौसम विभाग की इस चेतावनी के मद्देनजर जिला प्रशासन ने सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कड़े कदम उठाए हैं.
जिला प्रशासन का बड़ा फैसला
जिलाधिकारी वंदना ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि, “संभावित आपदा जोखिमों जैसे भूस्खलन, सड़क अवरोध, जलभराव और नदी-नालों में तेज बहाव को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों की सुरक्षा हेतु जनपद नैनीताल में संचालित सभी शासकीय, अशासकीय एवं निजी विद्यालय (कक्षा 1 से 12 तक) एवं समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों में दिनांक 4 अगस्त 2025 (सोमवार) को एक दिवसीय अवकाश रहेगा.” उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि सभी संबंधित शैक्षणिक और प्रशासनिक अधिकारी अपने-अपने कार्यालयों में आवश्यकतानुसार उपस्थित रहें ताकि आपदा की स्थिति में त्वरित समन्वय और कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके.
आपदा की स्थिति में क्या करें?
जिलाधिकारी ने आम जनता से अपील की है कि वे बारिश के दौरान सुरक्षित स्थानों पर रहें और अनावश्यक यात्रा से बचें. किसी भी आपात स्थिति में जिला आपदा नियंत्रण कक्ष से संपर्क करने के लिए टेलीफोन नंबर 05942-231178, 231179 या टॉल-फ्री नंबर 1077 पर सूचना दी जा सकती है. प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करने का आग्रह किया है.
सुरक्षा और सतर्कता जरूरी
नैनीताल जिले में बारिश के कारण उत्पन्न होने वाली चुनौतियों को देखते हुए प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है. लोगों से अनुरोध है कि वे नदी-नालों के किनारे न जाएं और भूस्खलन की आशंका वाले क्षेत्रों से दूरी बनाए रखें. जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन टीमें किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं.