दिल्ली से गोवा लाए गए लुथरा ब्रदर्स, थोड़ी देर में मापुसा अदालत में होंगे पेश
Published on: 17 Dec 2025 | Author: Babli Rautela
गोवा के अरपोरा इलाके में बिर्च बाय रोमियो लेन नाइटक्लब में हुई भीषण आग की घटना में बड़ी कार्रवाई हुई है. नाइटक्लब के मालिक भाई गौरव लूथरा और सौरभ लूथरा को दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किए जाने के बाद गोवा लाया जा रहा है. राज्य पुलिस दोनों को आज एक स्थानीय अदालत में पेश करेगी.
पुलिस के अनुसार लूथरा भाई थाईलैंड में छिपे हुए थे. वहां से उन्हें भारत डिपोर्ट किया गया. जैसे ही वे दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे, इमिग्रेशन अधिकारियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया. इसके साथ ही नाइटक्लब अग्निकांड के बाद चल रही दस दिन की अंतरराष्ट्रीय तलाश समाप्त हो गई.
#WATCH | Goa's Birch by Romeo Lane fire incident | Luthra brothers-Gaurav and Saurabh, the owners of the Birch by Romeo Lane nightclub in Arpora, brought to Goa
— ANI (@ANI) December 17, 2025
They will be produced before a local court today. pic.twitter.com/FRXuThxeew
कोर्ट से मिली ट्रांजिट रिमांड
दिल्ली की एक अदालत ने पहले गोवा पुलिस को दोनों आरोपियों को ले जाने के लिए दो दिन की ट्रांजिट रिमांड दी थी. मेडिकल जांच के बाद उन्हें वापस एयरपोर्ट ले जाया गया. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक लूथरा भाइयों के बुधवार सुबह गोवा पहुंचने की उम्मीद है.
गोवा पहुंचते ही गौरव और सौरभ लूथरा को मापुसा में ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा. पुलिस इस दौरान आगे की हिरासत मांग सकती है. जांच एजेंसियां आग लगने के कारणों और सुरक्षा इंतजामों में हुई लापरवाही की गहराई से जांच कर रही हैं.
आग के कुछ घंटे बाद ही हुए थे फरार
जानकारी के मुताबिक छह दिसंबर की रात नाइटक्लब में आग लगने के कुछ ही घंटों बाद दोनों भाई भारत से बाहर चले गए थे. इस हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर तलाश शुरू की थी. जांच में सामने आया कि लूथरा भाई थाईलैंड के फुकेट में एक होटल में ठहरे हुए थे. थाई अधिकारियों ने उन्हें अवैध रूप से रहने के आरोप में हिरासत में लिया. भारतीय दूतावास की मदद से उन्हें भारत लाने की प्रक्रिया पूरी की गई.
विदेश मंत्रालय ने लुकआउट नोटिस के बाद दोनों के पासपोर्ट सस्पेंड कर दिए थे. इसके बाद थाईलैंड स्थित भारतीय दूतावास ने इमरजेंसी यात्रा दस्तावेज जारी किए, जिससे उन्हें भारत डिपोर्ट किया जा सका.