बाल झड़े अब नाखून भी गिरने लगे, महाराष्ट्र के बुलढाणा में रहस्यमयी बीमारी से दहशत; सरकारी गेहूं पर उठा सवाल

Published on: 18 Apr 2025 | Author: Anvi Shukla
Buldhana Hair loss: महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के कई गांव इन दिनों एक रहस्यमयी बीमारी की चपेट में हैं. पहले लोगों के बाल झड़ने लगे और अब नाखून भी गिरने लगे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि यह सब दिसंबर 2024 से शुरू हुआ और अब स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है. एक स्थानीय निवासी ने बताया, 'दिसंबर के अंत में बाल झड़ना शुरू हुआ था और अब चार-पांच दिन से नाखून गिर रहे हैं. सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए.'
पद्मश्री से सम्मानित डॉक्टर हिमतराव बावस्कर ने इस मामले की जांच की और बताया कि यह समस्या सरकारी राशन में मिले गेहूं से जुड़ी है. यह गेहूं पंजाब और हरियाणा से लाया गया था, जिसमें सेलेनियम की मात्रा स्थानीय गेहूं के मुकाबले 600 गुना अधिक पाई गई.
गंजे होने की पीछे की वजह
डॉ. बावस्कर के अनुसार, 'सेलेनियम शरीर के लिए जरूरी होता है लेकिन अधिक मात्रा में यह जहर जैसा असर करता है. इससे 'एक्यूट ऑनसेट एलोपेशिया टोटालिस' नाम की स्थिति पैदा होती है, जिसमें व्यक्ति पूरी तरह गंजा हो जाता है.'
शर्म से बुरा हाल
इस बीमारी का असर न सिर्फ स्वास्थ्य पर पड़ा, बल्कि सामाजिक रूप से भी बड़ी परेशानियां खड़ी हुईं. कुछ छात्रों ने स्कूल जाना छोड़ दिया और कई युवाओं के रिश्ते टूट गए. शर्मिंदगी से बचने के लिए कई लोगों ने खुद ही सिर मुंडवा लिया.
Buldhana, Maharashtra: Bondgaon Village in Shegaon is witnessing a health scare as residents who earlier reported hair loss are now losing their nails. Locals and the village sarpanch allege government inaction and demand urgent investigation and medical intervention
— IANS (@ians_india) April 17, 2025
A local… pic.twitter.com/UtEZ4iigMc
क्या कहती हैं जांच रिपोर्ट्स?
18 गांवों के 279 लोग इस बीमारी से प्रभावित हुए हैं. जांच में पाया गया कि गेहूं में कोई बाहरी मिलावट नहीं थी, बल्कि इसकी उत्पत्ति उसी मिट्टी से हुई थी, जो खारा और सूखा क्षेत्र है. वहां के किसानों की निर्भरता सरकार द्वारा दिए गए गेहूं पर है, जिसमें निगरानी की कमी देखी गई.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि सरकार को अब राशन आपूर्ति की सख्ती से निगरानी करनी होगी. जिन इलाकों में लोग पूरी तरह से सरकारी राशन पर निर्भर हैं, वहां इस तरह की घटनाएं गंभीर स्वास्थ्य संकट बन सकती हैं.