'आतंकवाद से आगे कोई बातचीत नहीं, जब तक सिंधु जल संधि रहेगी स्थगित...,' एस जयशंकर ने दिया ये जवाब

Published on: 15 May 2025 | Author: Mayank Tiwari
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार (15 मई) को स्पष्ट किया कि भारत केवल आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ वार्ता करने को तैयार है और जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को "विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से" बंद नहीं करता. जिसके लिए 1960 की इंडस जल संधि को निलंबित रखा जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर से संबंधित एकमात्र मुद्दा, जिस पर नई दिल्ली इस्लामाबाद के साथ चर्चा करेगी, वह है पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में अवैध रूप से कब्जाई गई भारतीय भूमि को खाली करना.
आतंकवाद पर केंद्रित वार्ता
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, होंडुरास के नए दूतावास के उद्घाटन के अवसर पर जयशंकर ने कहा, "प्रधानमंत्री ने बहुत स्पष्ट किया है कि पाकिस्तान के साथ केवल आतंकवाद पर वार्ता हो़गी. पाकिस्तान के पास आतंकवादियों की सूची है, जिन्हें सौंपा जाना चाहिए, उन्हें आतंकी ढांचे को बंद करना होगा." उन्होंने आगे कहा, "वे जानते हैं कि क्या करना है. हम उनके साथ आतंकवाद पर क्या किया जाना चाहिए, इस पर चर्चा करने को तैयार हैं. यही वार्ताएँ संभव हैं."
इंडस जल संधि पर भारत का रुख
जयशंकर ने जोर देकर कहा कि सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति और सरकार ने स्पष्ट किया है कि "जब तक पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से बंद नहीं होता, तब तक इंडस जल संधि को निलंबित रखा जाएगा." उन्होंने कश्मीर पर चर्चा के मुद्दे को सीमित करते हुए कहा, "कश्मीर पर केवल एक ही चीज चर्चा के लिए बाकी है, और वह है पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में अवैध रूप से कब्जाई गई भारतीय भूमि को खाली करना." उन्होंने दोहराया, "हम इसके लिए पाकिस्तान के साथ चर्चा करने को तैयार हैं...सरकार का रुख बहुत, बहुत स्पष्ट है."
ऑपरेशन सिंदूर और सैन्य कार्रवाई
बीते 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने कई कूटनीतिक, राजनीतिक और आर्थिक कदम उठाए, जिनमें इंडस जल संधि का निलंबन शामिल था. 7 मई को भारत ने पाकिस्तान के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में नौ स्थानों पर आतंकी ढांचे पर सटीक हमले किए. इसके बाद चार दिनों तक ड्रोन, मिसाइल और लंबी दूरी के हथियारों के साथ दोनों पक्षों के बीच तीव्र सैन्य टकराव हुआ, जो 10 मई को गोलीबारी और सैन्य कार्रवाइयों को रोकने की सहमति के साथ समाप्त हुआ.
जयशंकर ने कहा, "चूंकि ऑपरेशन सिंदूर के मुख्य लक्ष्य हासिल हो गए थे, हमने सैन्य कार्रवाइयों को रोकने का उचित रुख अपनाया, क्योंकि ऑपरेशन की शुरुआत में ही हमने पाकिस्तान को संदेश दिया था कि हम आतंकी ढांचे पर हमला कर रहे हैं, सैन्य ठिकानों पर नहीं।" उन्होंने अफसोस जताया कि पाकिस्तान की सेना ने "इस अच्छी सलाह को नहीं माना" और सैन्य हस्तक्षेप किया.
सैटेलाइट तस्वीरों का खुलासा
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सैटेलाइट तस्वीरों का हवाला देते हुए कहा, "वैसे, सैटेलाइट तस्वीरें यह भी दिखाती हैं कि उन्होंने कितना कम नुकसान किया. ये तस्वीरें बताएंगी कि उन्हें कितना बड़ा झटका लगा और वही लोग, जो 7 मई को पीछे हटने को तैयार नहीं थे, 10 मई को बातचीत और पीछे हटने को तैयार हो गए. यह बहुत स्पष्ट है कि गोलीबारी बंद करने की इच्छा किसकी थी.
द्विपक्षीय संबंधों पर जोर
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा कश्मीर और इंडस जल संधि सहित विभिन्न मुद्दों पर वार्ता की पेशकश के एक दिन बाद जयशंकर की यह टिप्पणी आई. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की पेशकश का जिक्र करते हुए जयशंकर ने कहा, "भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध और व्यवहार द्विपक्षीय होंगे और सख्ती से द्विपक्षीय. उन्होंने कहा कि यह कई वर्षों से राष्ट्रीय सहमति रही है और "इस सहमति में कोई बदलाव नहीं है.